सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि और बाबा रामदेव को दी बड़ी राहत: भ्रामक विज्ञापन केस में माफी के बाद मानहानि मामला बंद.
आज सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड को बड़ी राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि के उत्पादों से जुड़े भ्रामक विज्ञापनों के मामले में बाबा रामदेव, आचार्य बालकृष्ण और कंपनी की माफी स्वीकार कर ली है, जिससे इस मानहानि मामले को खत्म कर दिया गया है।
आज सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड को बड़ी राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि के उत्पादों से जुड़े भ्रामक विज्ञापनों के मामले में बाबा रामदेव, आचार्य बालकृष्ण और कंपनी की माफी स्वीकार कर ली है, जिससे इस मानहानि मामले को खत्म कर दिया गया है। इस फैसले के बाद रामदेव और उनकी कंपनी के खिलाफ चल रही कानूनी कार्यवाही समाप्त हो गई है। इससे पहले, 14 मई 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अवमानना नोटिस पर अपना आदेश सुरक्षित रखा था। अदालत में पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील गौतम तालुकदार ने कहा कि कोर्ट ने रामदेव, बालकृष्ण और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड द्वारा दिए गए आश्वासनों को मान्यता दी और इसी आधार पर अवमानना कार्यवाही बंद कर दी गई है।
मामला इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) द्वारा दायर याचिका से जुड़ा है, जिसमें पतंजलि और बाबा रामदेव पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने कोविड-19 टीकाकरण अभियान और चिकित्सा की आधुनिक प्रणाली के खिलाफ भ्रामक और अपमानजनक विज्ञापन किए थे। आईएमए ने याचिका में कहा था कि इन विज्ञापनों से न केवल लोगों में भ्रम पैदा हुआ, बल्कि चिकित्सा क्षेत्र के प्रति जनता का विश्वास भी कमजोर हुआ।
21 नवंबर 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के वकील ने आश्वासन दिया है कि भविष्य में किसी भी कानून का उल्लंघन नहीं किया जाएगा। कोर्ट को यह भी बताया गया था कि कंपनी अब अपने उत्पादों के विज्ञापन और ब्रांडिंग में किसी भी प्रकार के भ्रामक दावे नहीं करेगी। हालांकि, अदालत ने यह भी कहा कि पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड द्वारा दिए गए आश्वासन का पालन नहीं किया गया था, जिसके बाद कोर्ट ने कंपनी को कारण बताने का नोटिस जारी किया था कि क्यों न उनके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू की जाए। मीडिया में दिए गए बयानों और उनके द्वारा की गई कार्रवाइयों ने अदालत की नाराजगी को बढ़ा दिया था।
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इस पूरे मामले पर बाबा रामदेव और पतंजलि की ओर से कोर्ट में माफी मांगी गई और कहा गया कि भविष्य में वे इस तरह की किसी भी गतिविधि में शामिल नहीं होंगे जिससे कानून का उल्लंघन हो। कोर्ट ने इस माफी को स्वीकार करते हुए मानहानि केस और अवमानना कार्यवाही को बंद कर दिया है। इस निर्णय के बाद, पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड को एक बड़ी राहत मिली है, जिससे कंपनी की प्रतिष्ठा और उनके उत्पादों की ब्रांडिंग पर छाया संकट फिलहाल टल गया है। हालांकि, इस मामले से जुड़े विवाद और अदालत की सख्ती के कारण भविष्य में पतंजलि और अन्य कंपनियों को अपने विज्ञापन और विपणन अभियानों में विशेष सावधानी बरतने की जरूरत होगी।