प्रधानमंत्री मोदी ने विभाजन विभीषिका दिवस पर शहीदों को किया याद, कहा- बंटवारे के बलिदानियों को मेरा नमन.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के अवसर पर भारत-पाकिस्तान विभाजन के दौरान जान गंवाने वाले लाखों लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने इस दिन को राष्ट्र में एकता और भाईचारे की रक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराने का अवसर बताया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के अवसर पर भारत-पाकिस्तान विभाजन के दौरान जान गंवाने वाले लाखों लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने इस दिन को राष्ट्र में एकता और भाईचारे की रक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराने का अवसर बताया। प्रधानमंत्री मोदी ने साल 2021 में 14 अगस्त को ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ के रूप में मनाने की घोषणा की थी। इस दिन को मनाने का उद्देश्य उन लोगों को याद करना है जो विभाजन के दौरान हुई हिंसा और विस्थापन के शिकार हुए थे। प्रधानमंत्री द्वाराअपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा गया की , “विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर, हम उन अनगिनत लोगों को याद करते हैं जो विभाजन की भयावहता के कारण प्रभावित और पीड़ित हुए। यह दिन उनके साहस और धैर्य को श्रद्धांजलि देने का है, जिन्होंने विभाजन के भयानक दौर से गुजरते हुए अपने जीवन को नए सिरे से शुरू किया और अपार सफलता प्राप्त की।”
विभाजन के दौरान हुई हिंसा में लाखों लोग मारे गए थे और करोड़ों लोग विस्थापित हुए थे। 1947 में जब भारत का विभाजन हुआ, तब लगभग 15 मिलियन (1.5 करोड़) लोग अपने घरों से विस्थापित हुए थे। यह मानव इतिहास में सबसे बड़े प्रवासों में से एक था। विभाजन के दौरान दोनों देशों में हुए सांप्रदायिक दंगों में 2 लाख से लेकर 20 लाख तक लोगों की जान चली गई थी, हालाँकि इन आंकड़ों के बारे में मतभेद है। विभाजन के बाद, दोनों देशों में सांप्रदायिक दंगे भड़क उठे, जिसमें पंजाब, बंगाल, दिल्ली और उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों में बड़े पैमाने पर हिंसा हुई। इस दौरान महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा की घटनाएं भी व्यापक रूप से सामने आईं, जिसमें हजारों महिलाओं का अपहरण और बलात्कार हुआ।
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इस विभीषिका के बावजूद, कई विस्थापित परिवारों ने नए सिरे से अपने जीवन की शुरुआत की और अनेकानेक सफलता प्राप्त की। इनमें से कई लोगों ने भारत और पाकिस्तान दोनों देशों में महत्वपूर्ण योगदान दिया और अपने क्षेत्रों में सफलताएँ हासिल कीं। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संदेश में इस बात पर जोर दिया कि विभाजन से मिली सीखों को भूलना नहीं चाहिए। उन्होंने कहा, “हमारे देश को एकता और भाईचारे के बंधन से जोड़े रखना ही हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। हमें यह सुनिश्चित करना है कि देश के किसी भी कोने में विभाजन जैसी त्रासदी फिर कभी न दोहराई जाए।”
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भारत 15 अगस्त को अपना 78वां स्वतंत्रता दिवस मनाएगा। जबकि पाकिस्तान 14 अगस्त को अपना स्वतंत्रता दिवस मनाता है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर देशवासियों से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर देश की प्रगति और समृद्धि के लिए काम करें और विभाजन के घावों को भरने में अपनी भूमिका निभाएं। विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने उन लोगों के साहस को सलाम किया जिन्होंने विभाजन के भयानक दौर का सामना किया और अपने जीवन को फिर से नए सिरे से शुरू करने का साहस दिखाया।