प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बांग्लादेश के अंतरिम सरकार के प्रमुख, प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस से फोन पर बात की, जिसकी जानकारी उन्होंने खुद अपने ट्वीट के माध्यम से दी। बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री ने वर्तमान स्थिति पर अपने विचार साझा किए और एक लोकतांत्रिक, स्थिर, शांतिपूर्ण और प्रगतिशील बांग्लादेश के लिए भारत के समर्थन को फिर से स्पष्ट किया। इसके साथ ही, उन्होंने बांग्लादेश में हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा का आश्वासन भी दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले एक हफ्ते में बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रही हिंसा के मुद्दे को दो बार उठाया है। सबसे पहले, आठ अगस्त को, जब प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में कार्यभार संभाला था, तब पीएम मोदी ने उन्हें बधाई दी थी। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर जोर दिया था।
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इसके बाद, 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले से अपने संबोधन में, प्रधानमंत्री मोदी ने एक बार फिर बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रही हिंसा पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि भारत के 140 करोड़ नागरिकों को बांग्लादेश के हिंदुओं की स्थिति की चिंता है और उन्हें उम्मीद है कि जल्द ही वहां के हालात सामान्य होंगे।
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प्रधानमंत्री के इस बयान से साफ है कि भारत सरकार बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर गंभीर है और इस मुद्दे को विभिन्न मंचों पर प्रमुखता से उठा रही है। पीएम मोदी का यह कदम दोनों देशों के बीच मजबूत संबंधों को बनाए रखने और मानवाधिकारों की रक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रही हिंसा को लेकर भारत सरकार की यह चिंता और पहल, दोनों देशों के बीच आपसी समझ और सहयोग को बढ़ाने में सहायक हो सकती है।