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पेरिस ओलंपिक से बाहर होने के बाद विनेश फोगाट की प्रतिक्रिया, ‘संघर्ष जारी रहेगा, सफर अधूरा रह गया.

भारतीय महिला रेसलर विनेश फोगाट ने पेरिस ओलंपिक से बाहर होने के बाद अपनी पहली प्रतिक्रिया दी है। शुक्रवार, 16 अगस्त को उन्होंने सोशल मीडिया पर तीन पेज का एक पोस्ट साझा किया, जिसमें उन्होंने अपने दिल की बातें लिखीं।

भारतीय महिला रेसलर विनेश फोगाट ने पेरिस ओलंपिक से बाहर होने के बाद अपनी पहली प्रतिक्रिया दी है। शुक्रवार, 16 अगस्त को उन्होंने सोशल मीडिया पर तीन पेज का एक पोस्ट साझा किया, जिसमें उन्होंने अपने दिल की बातें लिखीं। विनेश ने अपने पोस्ट में बताया कि अगर पेरिस में जो कुछ हुआ वह न हुआ होता, तो वह 2032 तक ओलंपिक में हिस्सा लेतीं। उन्होंने लिखा, “मेरे अंदर लड़ने की भावना और कुश्ती के प्रति प्यार हमेशा रहेगा। मुझे नहीं पता कि भविष्य क्या होगा और मेरे सफर में आगे क्या आएगा, लेकिन एक बात निश्चित है कि मैं हमेशा उस बात के लिए लड़ती रहूंगी, जिसे मैं सही मानती हूं।”

पेरिस ओलंपिक के दौरान विनेश को फाइनल मुकाबले से ठीक पहले टूर्नामेंट से बाहर कर दिया गया था। इसका कारण था कि उनका वजन तयशुदा वेट कैटेगरी 50 किलोग्राम से 100 ग्राम ज्यादा था। विनेश ने बताया कि उन्होंने रातभर वजन कम करने की कोशिश की थी। करीब साढ़े पांच घंटे तक उन्होंने कठिन मेहनत की, लेकिन अपने वजन को 50 किलोग्राम की सीमा में लाने में असमर्थ रहीं। विनेश के कोच वॉलर अकोस ने भी इस स्थिति पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा, “एक समय हमें लगा कि विनेश की जान को खतरा हो सकता है।” विनेश ने अपने पोस्ट में 6 और 7 अगस्त की रात के संघर्ष का वर्णन किया। उन्होंने लिखा, “हमने हार नहीं मानी, हमारी कोशिशें जारी रहीं। हम झुके नहीं, लेकिन घड़ी रुक गई और समय हमारे साथ नहीं था। मेरा भाग्य भी मेरे साथ नहीं था। हमने एक बड़े गोल के लिए मेहनत की थी, जो अधूरा रह गया। यह हमेशा मिसिंग रहेगा।”

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विनेश ने इस पोस्ट के माध्यम से अपने दिल के भावों को साझा करते हुए संकेत दिए कि वह इस अनुभव से गहरे आहत हैं। उन्होंने कहा कि उनके पास कहने के लिए बहुत कुछ है, लेकिन शब्द पर्याप्त नहीं होंगे। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि जब समय सही होगा, वह इस पर दोबारा बात करेंगी। विनेश फोगाट के इस पोस्ट से यह स्पष्ट होता है कि उन्होंने ओलंपिक से बाहर होने के बाद भी अपनी कुश्ती के प्रति समर्पण और संघर्ष की भावना को नहीं खोया है। हालांकि, पेरिस ओलंपिक के दौरान उनका प्रदर्शन उनके और उनके समर्थकों के लिए निराशाजनक रहा, लेकिन उन्होंने इस कठिन समय का सामना करते हुए एक मजबूत संदेश दिया है।

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भारतीय कुश्ती के प्रति उनकी प्रतिबद्धता और जुनून के चलते यह कहना गलत नहीं होगा कि विनेश फोगाट का करियर अभी खत्म नहीं हुआ है। उनका यह संघर्ष और अनुभव शायद उनके भविष्य के सफर को और भी मजबूत बनाएगा। इस पोस्ट के माध्यम से विनेश ने अपने प्रशंसकों और समर्थकों को यह संदेश दिया है कि वह हार मानने वालों में से नहीं हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वह हमेशा उस बात के लिए खड़ी रहेंगी, जिसे वह सही मानती हैं, चाहे वह कितना भी कठिन क्यों न हो। विनेश का यह संघर्ष और समर्पण निश्चित रूप से आने वाले समय में उन्हें और भी मजबूत बनाएगा और वह भारतीय कुश्ती को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगी।

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