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कोलकाता के RG KAR MEDICAL COLLEGE में महिला डॉक्टर के दुष्कर्म और हत्या के विरोध में 10 डॉक्टरों और 190 नर्सिंग स्टाफ का तबादला.

कोलकाता के सरकारी आरजी कर अस्पताल में हाल ही में महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या की घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया है। इस भयावह घटना के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन लगातार जारी हैं, जिसमें लोगों ने न्याय की मांग की है।

कोलकाता के सरकारी आरजी कर अस्पताल में हाल ही में महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या की घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया है। इस भयावह घटना के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन लगातार जारी हैं, जिसमें लोगों ने न्याय की मांग की है। इस बीच, 14 अगस्त की रात को आरजी कर अस्पताल में हुई हिंसा और तोड़फोड़ की घटना के बाद अस्पताल के 10 डॉक्टरों और 190 नर्सिंग स्टाफ का तबादला कर दिया गया है। राज्य सरकार ने इस हिंसा की घटना के बाद कोलकाता मेडिकल कॉलेज और अन्य अस्पतालों के कई डॉक्टरों का भी तबादला किया है। शुक्रवार को बंगाल सरकार की ओर से इन तबादलों के आदेश जारी किए गए हैं। आरोप है कि ये डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ महिला चिकित्सक के साथ हुए अपराध के खिलाफ चल रहे हड़ताल में शामिल थे। डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ के तबादले का निर्णय ऐसे समय में लिया गया है जब वे महिला डॉक्टर के खिलाफ हुए अपराध के विरोध में सक्रिय थे।

भाजपा ने इस तबादले के फैसले पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी ने आरोप लगाया है कि जिन डॉक्टरों ने राज्य सरकार की आलोचना की थी, उनका तबादला कर दिया गया है। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने ममता बनर्जी की सरकार के इस फैसले को “तालिबानी फतवा” करार दिया है। पूनावाला ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट साझा किया, जिसमें दावा किया गया है कि जिन डॉक्टरों ने इस जघन्य घटना के खिलाफ आवाज उठाई, उन्हें मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आदेश पर स्थानांतरित किया गया है। उन्होंने व्हाट्सएप चैट के स्क्रिनशॉट भी साझा किए हैं जो इस बात की पुष्टि करते हैं कि राज्य सरकार ने उन लोगों को निशाना बनाया है जो घटना के खिलाफ बोल रहे थे।

शुक्रवार को बंगाल सरकार की ओर से 10 डॉक्टरों और 190 नर्सिंग स्टाफ के तबादलों के आदेश जारी किए गए हैं। आरोप है कि ये डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ महिला चिकित्सक के साथ हुए अपराध के खिलाफ चल रहे हड़ताल में शामिल थे।

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भाजपा के आईटी सेल प्रमुख और पार्टी के बंगाल सह प्रभारी अमित मालवीय ने भी इस तबादले को लेकर राज्य सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने लिखा, “16 अगस्त को बंगाल सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने तबादलों की आठ पेज लंबी सूची जारी की है, जिससे स्थिति और भी गंभीर हो गई है।” मालवीय ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी कोलकाता मेडिकल कॉलेज और कलकत्ता नेशनल मेडिकल कॉलेज को अपना निशाना बना रही हैं। इन दोनों संस्थानों में वरिष्ठ चिकित्सकों को सिलीगुड़ी, तमलुक, और झाड़ग्राम जैसे स्थानों पर स्थानांतरित किया गया है। उन्होंने इसे सरकार के द्वारा एक हताशा का प्रयास करार दिया, जिसमें वरिष्ठ डॉक्टरों को डराकर उनका समर्थन प्राप्त किया जा रहा है।

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आरजी कर अस्पताल में 14-15 अगस्त की रात को हुई हिंसा की घटना ने एक नया मोड़ ले लिया। लगभग 40 लोगों के एक समूह ने अस्पताल के परिसर में घुसकर व्यापक तोड़फोड़ की और जमकर उत्पात मचाया। इस घटना के बाद अस्पताल का नर्सिंग स्टाफ सुरक्षा की मांग को लेकर हड़ताल पर चला गया और प्रिंसिपल के खिलाफ माहौल बनाया। इसके अलावा, अस्पताल के जूनियर डॉक्टर भी लंबे समय से काम बंद कर धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। राज्य सरकार का यह कदम उन आलोचनाओं के बीच आया है जिनमें आरोप लगाया गया है कि सरकार ने विरोध करने वाले डॉक्टरों को निशाना बनाया है। कई विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के उपाय असंतोष को दबाने और वंचितों को उनकी आवाज उठाने से रोकने के प्रयास के रूप में देखे जा सकते हैं।

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