नेपाल में भारतीय नंबर प्लेट वाली बस नदी में गिरी, 42 यात्रियों में से 15 की अब तक मौत.
मध्य नेपाल में शुक्रवार को एक भारतीय यात्री बस के मर्सियांगडी नदी में गिर जाने से कम से कम 15 लोगों की मौत हो गई है। बस में कुल 42 यात्री सवार थे, जो सभी महाराष्ट्र से थे। बस ने 20 अगस्त को रूपन्देही के बेलहिया चेक-पॉइंट (गोरखपुर) से 8 दिन के परमिट के साथ नेपाल में प्रवेश किया था। दुर्घटना तनहुन जिले के आइना पहाड़ा क्षेत्र में हुई।
मध्य नेपाल में शुक्रवार को एक भारतीय यात्री बस के मर्सियांगडी नदी में गिर जाने से कम से कम 15 लोगों की मौत हो गई है। बस में कुल 42 यात्री सवार थे, जो सभी महाराष्ट्र से थे। बस ने 20 अगस्त को रूपन्देही के बेलहिया चेक-पॉइंट (गोरखपुर) से 8 दिन के परमिट के साथ नेपाल में प्रवेश किया था। दुर्घटना तनहुन जिले के आइना पहाड़ा क्षेत्र में हुई। घटना की सूचना मिलते ही सशस्त्र पुलिस बल नेपाल आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण विद्यालय के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) माधव पौडेल के नेतृत्व में 45 कर्मियों की एक टीम दुर्घटनास्थल पर पहुंच गई। तुरंत बचाव अभियान शुरू किया गया। प्रारंभिक रिपोर्टों के मुताबिक, लगभग 15 शव बरामद किए गए हैं, जबकि 16 लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया है। हालांकि, 10 यात्री अभी भी लापता हैं।
गौरतलब है कि यह बस गोरखपुर से यात्रियों को लेकर नेपाल गई थी और पोखरा से काठमांडू जा रही थी। तनहुन के एसपी बीरेंद्र शाही ने घटना की पुष्टि की है और बताया कि बस का नंबर यूपी 53 एफटी 7623 था। मौके पर स्थानीय पुलिस कार्यालय के निरीक्षक अबू खैरेनी और अन्य बचावकर्मी मौजूद हैं। सेना और सशस्त्र बलों को भी इस दुर्घटना की जानकारी दे दी गई है ताकि बचाव कार्य में कोई कोताही न हो। उत्तर प्रदेश राहत आयुक्त ने इस घटना के संबंध में बयान जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि वे यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या बस में उत्तर प्रदेश का कोई व्यक्ति सवार था। फिलहाल घटना के बारे में विस्तृत जानकारी का इंतजार है।
खबर भी पढ़ें : दिल्ली आबकारी नीति घोटाला: अरविंद केजरीवाल की जमानत पर फिर लटकी तलवार, अदालत ने सुनवाई 5 सितंबर तक टाली.
यह दुर्घटना नेपाल में इस साल की एक और गंभीर दुर्घटना के रूप में सामने आई है। इससे पहले, जुलाई में भी नेपाल में दो बसें उफनती त्रिशूली नदी में बह गई थीं, जिसमें 65 लोग सवार थे। वे बसें भी काठमांडू से रौतहट के गौर जा रही थीं और भारी बारिश के बीच यह हादसा हुआ था। उन घटनाओं में भी भारी जान-माल का नुकसान हुआ था, जो नेपाल के खराब मौसम और सड़क सुरक्षा की चुनौती को दर्शाता है।
खबर भी पढ़ें : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ऐतिहासिक कीव यात्रा: भारतीय समुदाय और यूक्रेन-रूस युद्ध पर महत्वपूर्ण चर्चा.
नेपाल में इस तरह की दुर्घटनाएं अकसर देखने को मिलती हैं, जहां पर्वतीय इलाकों में संकरी और घुमावदार सड़कों के कारण वाहन दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है। स्थानीय प्रशासन और सरकार को इन दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सड़कों की स्थिति और यातायात व्यवस्था को सुधारने की आवश्यकता है। इस घटना ने एक बार फिर से नेपाल की सड़क सुरक्षा पर सवाल खड़ा कर दिया है। बचाव और राहत कार्यों की पूरी जानकारी के लिए संबंधित विभागों के साथ समन्वय किया जा रहा है, और उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही सभी लापता लोगों का पता चल जाएगा।