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कोलकाता रेप केस के बाद ममता बनर्जी का पीएम मोदी को पत्र: कहा देश में बढ़ते बलात्कार के मामलों पर सख्त कानून बनाए केंद्र सरकार.

हाल ही में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने देश में बढ़ती बलात्कार की घटनाओं पर गहरी चिंता व्यक्त की है। ममता बनर्जी ने इस पत्र में प्रधानमंत्री से आग्रह किया है कि बलात्कार के मामलों को रोकने के लिए सख्त कानून बनाए जाएं। पत्र में ममता बनर्जी ने कहा है कि बलात्कार की बढ़ती घटनाओं से समाज और राष्ट्र का विश्वास हिल गया है।

हाल ही में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने देश में बढ़ती बलात्कार की घटनाओं पर गहरी चिंता व्यक्त की है। ममता बनर्जी ने इस पत्र में प्रधानमंत्री से आग्रह किया है कि बलात्कार के मामलों को रोकने के लिए सख्त कानून बनाए जाएं। पत्र में ममता बनर्जी ने कहा है कि बलात्कार की बढ़ती घटनाओं से समाज और राष्ट्र का विश्वास हिल गया है। उन्होंने कहा कि उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, प्रतिदिन लगभग 90 बलात्कार के मामले सामने आते हैं, जिनमें से कई में हत्या भी शामिल होती है। ममता बनर्जी ने लिखा, “देशभर में बलात्कार के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है। यह बेहद चिंताजनक है कि रोजाना औसतन 90 बलात्कार के मामले सामने आ रहे हैं, जिनमें से कई मामलों में पीड़ित की हत्या भी हो जाती है। इससे समाज और राष्ट्र का विश्वास और विवेक डगमगाने लगता है। हमारा यह कर्तव्य है कि हम इस स्थिति को बदलें और महिलाओं के लिए एक सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करें।”

सीएम ममता बनर्जी ने अपने पत्र में प्रधानमंत्री के सामने तीन प्रमुख मांगें रखी हैं। पहली मांग यह है कि बलात्कार के मामलों में कठोर और सख्त कानून बनाए जाएं, जो जघन्य और क्रूर अपराधों को रोकने में सक्षम हों। दूसरी मांग यह है कि फास्ट ट्रैक कोर्ट की स्थापना की जाए, ताकि ऐसे मामलों में तेजी से सुनवाई हो सके। ममता बनर्जी का मानना है कि फास्ट ट्रैक कोर्ट के माध्यम से बलात्कार के मामलों की जल्द से जल्द सुनवाई होनी चाहिए।

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तीसरी मांग के तहत ममता बनर्जी ने सुझाव दिया है कि बलात्कार के मामलों में सुनवाई की समय सीमा 15 दिनों के भीतर पूरी की जाए। उन्होंने जोर देकर कहा कि यदि ऐसे मामलों में त्वरित और प्रभावी न्याय नहीं मिला, तो यह न्याय प्रणाली के प्रति लोगों के विश्वास को और कमजोर कर सकता है। यह पत्र उस समय आया है जब हाल ही में कोलकाता में हुए एक रेप-मर्डर केस की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल पुलिस को कड़ी फटकार लगाई थी। इस घटना ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है और पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़े किए हैं।

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सुप्रीम कोर्ट ने न केवल इस मामले में पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाए, बल्कि देशभर के डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की भी आवश्यकता पर जोर दिया। इस मामले ने न केवल बंगाल, बल्कि पूरे देश में महिलाओं की सुरक्षा के प्रति चिंता को और बढ़ा दिया है। ममता बनर्जी का यह पत्र देश में महिलाओं की सुरक्षा के प्रति उनकी गंभीरता को दर्शाता है। उन्होंने प्रधानमंत्री से अपील की है कि बलात्कार के मामलों को गंभीरता से लिया जाए और इस दिशा में ठोस कदम उठाए जाएं। इस पत्र के माध्यम से ममता बनर्जी ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि महिलाओं की सुरक्षा को लेकर किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उनके द्वारा उठाई गई मांगें यह दर्शाती हैं कि वे इस मुद्दे को लेकर कितनी चिंतित हैं और इससे निपटने के लिए वे कठोर कदम उठाने को तैयार हैं।

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