राहुल गांधी के मानहानि मामले में 5 सितंबर को होगी सुनवाई, BJP नेता ने गवाही देने से किया इनकार।
राहुल गांधी पर मानहानि के आरोप में चल रहे मुकदमे की सुनवाई को अब पांच सितंबर तक के लिए टाल दिया गया है। यह निर्णय विशेष मजिस्ट्रेट शुभम वर्मा के न्यायालय में शुक्रवार को उस समय लिया गया जब परिवादी बीजेपी नेता विजय मिश्र गवाही देने के लिए उपस्थित नहीं हो पाए।
राहुल गांधी पर मानहानि के आरोप में चल रहे मुकदमे की सुनवाई को अब पांच सितंबर तक के लिए टाल दिया गया है। यह निर्णय विशेष मजिस्ट्रेट शुभम वर्मा के न्यायालय में शुक्रवार को उस समय लिया गया जब परिवादी बीजेपी नेता विजय मिश्र गवाही देने के लिए उपस्थित नहीं हो पाए। सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा नेता विजय मिश्र ने पांच साल पहले एमपी-एमएलए न्यायालय में राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का परिवाद दायर किया था। आरोप है कि 15 जुलाई 2018 को पार्टी कार्यकर्ता अनिरुद्ध शुक्ल और दिनेश कुमार ने अपने मोबाइल पर एक वीडियो क्लिप दिखाई थी, जिसमें राहुल गांधी अमित शाह को “हत्यारा” कह रहे थे। यह बयान बेंगलुरु में एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान दिया गया था। यह प्रेस कांफ्रेंस जस्टिस लोया की मृत्यु से संबंधित थी, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने अमित शाह को क्लीन चिट दे दी थी।
मिश्र का आरोप है कि राहुल गांधी के इस बयान से उनकी छवि को नुकसान पहुंचा है। परिवादी विजय मिश्र और दो अन्य गवाहों के बयान और साक्ष्यों के आधार पर तत्कालीन विशेष दंडाधिकारी योगेश यादव ने 27 नवंबर 2023 को आइपीसी की धारा 500 के तहत राहुल गांधी के खिलाफ मुकदमा चलाने का आदेश दिया था। राहुल गांधी पर जब गिरफ्तारी का वारंट जारी हुआ, तब उन्होंने इस साल 20 फरवरी को विशेष न्यायालय में उपस्थित होकर जमानत करवा ली थी। इसके बाद, 26 जुलाई को उन्होंने न्यायालय में पेश होकर अपना बयान दर्ज कराया। अब, मामले में आगे की सुनवाई के लिए परिवादी विजय मिश्र को साक्ष्य पेश करने के लिए बुलाया गया है।
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इसी न्यायालय में कादीपुर के पूर्व विधायक रामचंद्र चौधरी और कांग्रेस के जिलाध्यक्ष अभिषेक सिंह राणा समेत 14 आरोपितों पर विचाराधीन मुकदमे में भी सुनवाई हुई। शुक्रवार को इस मामले में तत्कालीन कांस्टेबल इन्द्रकांत का बयान दर्ज किया गया। कांस्टेबल इन्द्रकांत के बयान पर बचाव पक्ष के वकील अरविंद सिंह राजा ने जिरह की। न्यायालय ने इस मामले में अगली सुनवाई की तिथि 10 सितंबर को निर्धारित की है।
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यह मामला 17 दिसंबर 2002 को कादीपुर क्षेत्र के संत तुलसीदास डिग्री कालेज के सामने हुई सड़क दुर्घटना से जुड़ा है, जिसमें छात्रा पूनम श्रीवास्तव की मौत हो गई थी। इस घटना से आक्रोशित होकर कादीपुर के पूर्व विधायक रामचंद्र चौधरी, कांग्रेस जिलाध्यक्ष अभिषेक सिंह राणा और रामार्य पाठक समेत 14 लोगों ने कादीपुर कोतवाली में जाकर विरोध प्रदर्शन किया था। इस दौरान काफी बवाल हुआ, जिसके चलते बलवा, नारेबाजी, पथराव और डकैती जैसी गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था। तत्कालीन कोतवाल शिवराज सिंह की तहरीर पर मुकदमे की विवेचना की गई और कादीपुर सीओ विजय नारायण ने 14 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की।
राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मामला पांच साल पुराना है, लेकिन इसकी सुनवाई लगातार लंबित रही है। अब, 5 सितंबर को अगली सुनवाई की तिथि तय की गई है, जिसमें परिवादी विजय मिश्र को अपने साक्ष्य प्रस्तुत करने होंगे। वहीं, कादीपुर के मामले में भी आगामी 10 सितंबर को सुनवाई होगी। दोनों ही मामलों में आरोपियों की कानूनी स्थिति पर अब आने वाली सुनवाईयों के बाद ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा।