बिहार की राजनीति में एक बार फिर बड़ा बदलाव देखने को मिला है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने शनिवार को एक अहम निर्णय लिया है। पार्टी ने प्रदेश कमेटी और राजनीतिक सलाहकार समिति को भंग कर दिया है। इसके साथ ही नई कमेटियों का गठन भी कर दिया गया है, जिसमें कई नए चेहरों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने इस संबंध में एक आधिकारिक आदेश जारी किया है। जदयू के आधिकारिक एक्स (पूर्व में ट्विटर) हैंडल पर भी इस आदेश पत्र को साझा किया गया है। जारी किए गए आदेश में स्पष्ट किया गया है कि प्रदेश जदयू की प्रदेश कमेटी और प्रदेश राजनीतिक सलाहकार समिति को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया गया है। इसके बाद, पार्टी ने नई कमेटी का गठन करते हुए 10 उपाध्यक्ष, 49 महासचिव और 46 सचिव नियुक्त किए हैं।
इन नए पदाधिकारियों में एमएलसी ललन कुमार सराफ को कोषाध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया है। यह घोषणा भी जदयू के आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर की गई है। इस राजनीतिक फेरबदल के बीच, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पूर्णिया दौरा भी सुर्खियों में रहा। हालांकि, यह दौरा अपेक्षाकृत छोटा था, लेकिन इस दौरान उन्होंने इलाके का हवाई निरीक्षण और समीक्षा बैठक की।
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नीतीश कुमार के इस दौरे के बाद से पूर्णिया में हवाई उड़ान सेवा जल्द शुरू होने की संभावना जताई जा रही है। यह इलाका सीमांचल का एक महत्वपूर्ण केंद्र बन सकता है, जिससे यहां की विकास योजनाओं को और गति मिलेगी। बिहार की राजनीति में इस बदलाव को लेकर विभिन्न अटकलें लगाई जा रही हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि जदयू की यह रणनीति आगामी चुनावों को ध्यान में रखकर बनाई गई है।
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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की यह नई पहल पार्टी के संगठन को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। नई कमेटियों के गठन के साथ, पार्टी ने साफ संदेश दिया है कि वह अपने संगठन को नए सिरे से मजबूत कर रही है और इसके लिए बड़े बदलावों से भी पीछे नहीं हटेगी। इससे जदयू के कार्यकर्ताओं और समर्थकों के बीच भी नई ऊर्जा का संचार होने की उम्मीद है, जिससे पार्टी आगामी चुनौतियों का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार हो सकेगी।