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कर्नाटक में कांग्रेस के राहुल खरगे पर जमीन आवंटन विवाद, भाजपा ने उठाए गंभीर सवाल.

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ चल रहे विवादों के बीच अब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और उनके परिवार के लिए भी मुश्किलें बढ़ गई हैं।

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ चल रहे विवादों के बीच अब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और उनके परिवार के लिए भी मुश्किलें बढ़ गई हैं। हाल ही में, उनके बेटे राहुल खरगे को बेंगलुरु के पास स्थित ऐरोस्पेस कॉलोनी में अनुसूचित जाति/जनजाति (एसी/एसटी) कोटे के तहत रियायती दर पर जमीन आवंटित करने का मामला सामने आया है। इस मुद्दे को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) ने मल्लिकार्जुन खरगे पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है।

भाजपा नेता गौरव भाटिया ने आरोप लगाया है कि मल्लिकार्जुन खरगे को तत्काल कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे देना चाहिए क्योंकि उनके परिवार पर घोटाले का आरोप है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रियांक खरगे, जो मंत्री पद पर हैं, ने अपने पद का दुरुपयोग किया है और उन्हें भी इस्तीफा देना चाहिए। गौरव भाटिया ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को भी निशाना बनाते हुए कहा कि उन्हें तुरंत अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए, क्योंकि उनकी सरकार पर विभिन्न घोटालों के आरोप लग चुके हैं।

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भाजपा का कहना है कि राहुल खरगे को रियायती दर पर जमीन आवंटित करने का मामला नैतिकता पर सवाल उठाता है। राहुल खरगे पूर्व में भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के अधिकारी थे, लेकिन उन्होंने अपनी सेवा से इस्तीफा दे दिया और अब आईटी कंपनियों में सलाहकार के रूप में कार्यरत हैं। भाजपा का आरोप है कि कांग्रेस अध्यक्ष के बेटे को विशेष रियायत देने के पीछे भ्रष्टाचार की संभावना है। इस विवाद को लेकर आरटीआई एक्टिविस्ट कलाहल्ली ने भी गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने राज्यपाल थावरचंद गहलोत को शिकायत दी है जिसमें कहा गया है कि राहुल खरगे को ऐरोस्पेस डिफेंस कॉलोनी में 5 एकड़ जमीन अवैध तरीके से आवंटित की गई है। उनके अनुसार, इस प्रक्रिया में नियमों और प्रोटोकॉल की पूरी तरह अनदेखी की गई है, जो गंभीर अनियमितताओं की ओर इशारा करती है।

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इस मुद्दे ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है और कांग्रेस पार्टी को अपनी नैतिकता पर सवाल उठाने वाले आरोपों का सामना करना पड़ रहा है। यह मामला अब देखना है कि कांग्रेस कैसे इसका सामना करती है और क्या इस विवाद के चलते और भी कानूनी और राजनीतिक जटिलताएँ उत्पन्न होती हैं।

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