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मोदी कैबिनेट का बड़ा कदम, 12 नई स्मार्ट सिटी और 10 लाख नौकरियों की मंजूरी.

बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल (Union Cabinet) ने एक बड़ा कदम उठाते हुए देश में घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 28,602 करोड़ रुपये के अनुमानित निवेश के साथ 12 नए औद्योगिक शहरों की स्थापना को मंजूरी दी।

बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल (Union Cabinet) ने एक बड़ा कदम उठाते हुए देश में घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 28,602 करोड़ रुपये के अनुमानित निवेश के साथ 12 नए औद्योगिक शहरों की स्थापना को मंजूरी दी। इस फैसले की घोषणा केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव (Union Minister Ashwini Vaishnav) ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद की। इस महत्वाकांक्षी योजना का उद्देश्य भारत की औद्योगिक क्षमताओं को नए आयाम देना और देश की आर्थिक वृद्धि को तेज करना है।

राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम (NICDP) के तहत पहल

यह पहल राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम (NICDP) के तहत शुरू की गई है, जिसमें 12 नए औद्योगिक शहरों की स्थापना के लिए 28,602 करोड़ रुपये का अनुमानित निवेश निर्धारित किया गया है। इन शहरों को देश के विभिन्न हिस्सों में छह प्रमुख औद्योगिक गलियारों के करीब रणनीतिक रूप से स्थापित किया जाएगा। इन शहरों का चयन इस तरह से किया गया है कि वे देश के प्रमुख आर्थिक और औद्योगिक केंद्रों के साथ अच्छे से जुड़ सकें, जिससे विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।

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स्थापना के लिए चुने गए स्थान

इन औद्योगिक शहरों की स्थापना उत्तराखंड के खुरपिया, पंजाब के राजपुरा-पटियाला, महाराष्ट्र के दिघी, केरल के पलक्कड़, उत्तर प्रदेश के आगरा और प्रयागराज, बिहार के गया, तेलंगाना के जहीराबाद, आंध्र प्रदेश के ओर्वकल और कोपर्थी, तथा राजस्थान के जोधपुर-पाली में की जाएगी। ये सभी स्थान न केवल अपने क्षेत्रीय लाभ के कारण महत्वपूर्ण हैं, बल्कि देश के औद्योगिक नेटवर्क को मजबूत बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

औद्योगिक परिदृश्य में परिवर्तन

इन नए औद्योगिक शहरों की स्थापना से भारत के औद्योगिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन की उम्मीद है। सरकार ने इन शहरों को वैश्विक मानकों के अनुसार स्मार्ट शहरों के रूप में विकसित करने की योजना बनाई है। ये शहर आधुनिक और टिकाऊ बुनियादी ढांचे से सुसज्जित होंगे, जो कुशल औद्योगिक संचालन और लंबे समय तक स्थिरता सुनिश्चित करेंगे।

रोजगार और आर्थिक वृद्धि

सरकार की इस योजना से लगभग 10 लाख प्रत्यक्ष और 30 लाख अप्रत्यक्ष रोजगार सृजन की उम्मीद है। इन औद्योगिक शहरों के माध्यम से न केवल रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी, बल्कि आर्थिक गतिविधियों में भी तेजी आएगी। इसके अलावा, इन परियोजनाओं से देश की विनिर्माण क्षमता में वृद्धि होगी, जो 1.52 लाख करोड़ रुपये के निवेश क्षमता को उत्पन्न करेगी। यह कदम देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में विनिर्माण क्षेत्र की हिस्सेदारी को भी बढ़ावा देगा।

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वित्त वर्ष 2024-25 का बजट और ‘प्लग एंड प्ले’ औद्योगिक पार्क

इस योजना की परिकल्पना वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में की गई थी। बजट में घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए राज्यों और निजी क्षेत्र के साथ साझेदारी में देश के कई शहरों में या उनके आसपास ‘प्लग एंड प्ले’ औद्योगिक पार्क विकसित करने की घोषणा की गई थी। इस तरह के औद्योगिक पार्क विनिर्माण इकाइयों के लिए आवश्यक सभी बुनियादी ढांचे और सुविधाओं के साथ तैयार किए जाएंगे, ताकि वे बिना किसी रुकावट के अपना उत्पादन शुरू कर सकें।

पहले से कार्यान्वित हो रहे औद्योगिक शहर

यह ध्यान देने योग्य है कि इस योजना से पहले भी सरकार ने आठ औद्योगिक शहरों की स्थापना की थी, जो अब कार्यान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं। इनमें गुजरात के धोलेरा, महाराष्ट्र के ऑरिक, मध्य प्रदेश के विक्रम उद्योगपुरी, और आंध्र प्रदेश के कृष्णपट्टनम शामिल हैं। इन शहरों में उद्योगों के लिए भूमि आवंटन का काम तेजी से चल रहा है। इसके अलावा, अन्य चार शहरों में भी सरकार का विशेष उद्देश्य वाहन (SPV) सड़क संपर्क, पानी और बिजली आपूर्ति जैसे बुनियादी ढांचे के निर्माण की प्रक्रिया में है।

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नए औद्योगिक शहरों का महत्व

देश में 12 नए औद्योगिक शहरों की स्थापना की घोषणा के साथ, इस तरह के शहरों की कुल संख्या 20 हो जाएगी। इन शहरों का लक्ष्य न केवल देश के विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देना है, बल्कि आर्थिक वृद्धि और वैश्विक प्रतिस्पर्धा को भी महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाना है। यह कदम भारत के औद्योगिक क्षेत्र को एक नई दिशा देने के साथ-साथ देश को एक वैश्विक विनिर्माण केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। कुल मिलाकर, केंद्रीय मंत्रिमंडल का यह निर्णय भारत के औद्योगिक और आर्थिक विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। 28,602 करोड़ रुपये के अनुमानित निवेश के साथ 12 नए औद्योगिक शहरों की स्थापना न केवल देश की विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ावा देगी, बल्कि रोजगार सृजन, आर्थिक वृद्धि, और वैश्विक प्रतिस्पर्धा को भी नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी। इन औद्योगिक शहरों का निर्माण और विकास भविष्य में भारत के औद्योगिक और आर्थिक परिदृश्य को नए आयाम देगा।

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