हरियाणा विधानसभा चुनाव: दुष्यंत चौटाला और आजाद समाज पार्टी का गठबंधन, 40 साल तक साथ चलने का दावा.
हरियाणा विधानसभा चुनाव (Haryana Assembly Elections) के संदर्भ में सभी प्रमुख दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। हाल ही में, जननायक जनता पार्टी (JJP) के नेता दुष्यंत चौटाला ने आजाद समाज पार्टी (ASP) के साथ चुनावी गठबंधन का ऐलान किया है।
हरियाणा विधानसभा चुनाव (Haryana Assembly Elections) के संदर्भ में सभी प्रमुख दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। हाल ही में, जननायक जनता पार्टी (JJP) के नेता दुष्यंत चौटाला ने आजाद समाज पार्टी (ASP) के साथ चुनावी गठबंधन का ऐलान किया है। इस गठबंधन को लेकर दोनों दलों के बीच समझौते हो चुके हैं, और दुष्यंत चौटाला ने एनडीटीवी से बातचीत में इस गठबंधन के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि दोनों दलों के बीच विचारधारा की दोस्ती काफी पुरानी है। दुष्यंत चौटाला ने यह भी बताया कि मान्यवर कांशीराम और चौधरी देवी लाल के बीच का रिश्ता 1989 के चुनाव में बड़े बदलाव लाने में सक्षम रहा था। दोनों नेताओं ने किसानों और कमेरों की समस्याओं को मिलकर उठाया था। चौधरी देवी लाल ने दिल्ली जाकर डॉ. भीमराव अंबेडकर को भारत रत्न दिलवाया था।
दुष्यंत चौटाला ने चंद्रशेखर और उनके गठबंधन को लेकर आत्मविश्वास व्यक्त किया और कहा कि यह गठबंधन अगले 40-45 साल तक जारी रहेगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह गठबंधन किसानों और कमेरों की लड़ाई के लिए है और दोनों दल मिलकर हरियाणा को प्रगति की दिशा दिखाएंगे। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि वे युवा, महिलाओं की सुरक्षा, और किसानों व कमेरों के उत्थान को प्राथमिकता देंगे। गठबंधन के गठन के दिन ही उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया था कि इन मुद्दों को प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि अगर जाट और दलित समुदाय के साथ आने के समीकरण बनते हैं तो वे और भी समुदायों को जोड़ने की इच्छा रखते हैं। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि वे 36 बिरादरी को साथ लेकर चलने का लक्ष्य रखते हैं।
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दुष्यंत चौटाला ने बसपा पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि मान्यवर कांशीराम का कैडर पूरे प्रदेश में फैला हुआ था, लेकिन आज मायावती का कैडर बहुत कमजोर हो चुका है। दुष्यंत चौटाला ने चंद्रशेखर की तारीफ की और कहा कि चंद्रशेखर ने कांशीराम द्वारा उठाए गए मुद्दों को सही दिशा दी है। उन्होंने यह भी बताया कि पिछले चुनाव में 10 एमएलए जीतने में उनकी मदद से ही जीत मिली थी। अपनी उपलब्धियों को गिनाते हुए, दुष्यंत चौटाला ने बताया कि उनकी पहल से वृद्धा पेंशन को 3000 रुपये तक बढ़ाया गया है। इसके अलावा, पंचायतों में 50 प्रतिशत महिलाओं को हिस्सेदारी दी गई है और बैकवर्ड कम्युनिटी को 8 प्रतिशत हिस्सेदारी प्राप्त हुई है।
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किसानों की नाराजगी के सवाल पर दुष्यंत चौटाला ने स्वीकार किया कि किसानों में असंतोष है। उन्होंने कहा कि उन्होंने किसानों को उचित दाम दिलवाने के लिए प्रयास किए हैं और अगर एमएसपी पर कोई सुधार नहीं होता, तो वे इस्तीफा देने को तैयार हैं। दुष्यंत चौटाला ने यह भी स्पष्ट किया कि किसान आंदोलन के दौरान वे सरकार के साथ तालमेल बनाए रखने की कोशिश कर रहे थे, हालांकि बिल केंद्र सरकार द्वारा लाए गए थे। उन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र भी लिखा था और केंद्र के साथ बेहतर तालमेल बनाने का प्रयास किया था।