असम सरकार ने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए राज्य विधानसभा में शुक्रवार के दिन दिए जाने वाले दो घंटे के जुम्मा ब्रेक को समाप्त कर दिया है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने ट्वीट के माध्यम से इस फैसले की जानकारी दी। यह ब्रेक हर शुक्रवार को मुस्लिम विधायकों के लिए नमाज अदा करने के उद्देश्य से दोपहर 12 बजे से 2 बजे तक दिया जाता था। इस व्यवस्था के तहत विधानसभा की कार्यवाही को इस अवधि के दौरान स्थगित कर दिया जाता था, ताकि मुस्लिम विधायक आराम से नमाज अदा कर सकें।
हालांकि, अब इस व्यवस्था को खत्म करने का निर्णय लिया गया है। यह निर्णय असम विधानसभा के अध्यक्ष बिस्वजीत दैमरी की अध्यक्षता में हुई एक बैठक के दौरान लिया गया, जिसमें सभी विधायकों ने सर्वसम्मति से इसका समर्थन किया। इस नए नियम के तहत अब शुक्रवार को विधानसभा की कार्यवाही के दौरान कोई ब्रेक नहीं दिया जाएगा। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने अपने ट्वीट में कहा कि यह निर्णय एक सही दिशा में उठाया गया कदम है, क्योंकि देश की अन्य विधानसभाओं में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है। लोकसभा, राज्यसभा और अन्य राज्यों की विधानसभाओं में नमाज के लिए किसी भी प्रकार का ब्रेक नहीं दिया जाता। इसलिए असम विधानसभा में भी ब्रिटिश काल के इस नियम को समाप्त कर दिया गया है।
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विधानसभा अध्यक्ष बिस्वजीत दैमरी ने इस फैसले के बारे में बताते हुए कहा कि यह कदम असम को एक और अधिक समावेशी और धर्मनिरपेक्ष समाज की ओर ले जाएगा। उन्होंने कहा कि विधानसभा में सभी धर्मों के प्रति समान दृष्टिकोण रखा जाना चाहिए, और कोई विशेष सुविधा किसी विशेष धर्म के लिए नहीं दी जानी चाहिए। इस निर्णय को लेकर विभिन्न प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। कुछ लोगों ने इसे स्वागत योग्य कदम बताया है, जबकि कुछ अन्य ने इसे धार्मिक भावनाओं के खिलाफ बताया है। बावजूद इसके, राज्य सरकार ने इस फैसले को लागू करने का निश्चय कर लिया है, और अब शुक्रवार को असम विधानसभा में कोई जुम्मा ब्रेक नहीं होगा।