अमेरिका के पूर्व एनएसए एचआर मैकमास्टर ने आईएसआई के आतंकवाद से जुड़े काले कारनामों का किया खुलासा.
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) एचआर मैकमास्टर ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के आतंकवाद से जुड़े काले कारनामों को उजागर किया है।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) एचआर मैकमास्टर ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के आतंकवाद से जुड़े काले कारनामों को उजागर किया है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि आईएसआई का आतंकवादी संगठनों के साथ सीधा संबंध है और इसमें कोई संदेह नहीं है। मैकमास्टर ने कहा कि पाकिस्तान का आईएसआई न केवल आतंकवादी संगठनों का समर्थन करता है, बल्कि उन्हें सुरक्षित पनाहगाह भी मुहैया कराता है। उनका यह बयान उस समय का है जब अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति थे और उन्होंने पाकिस्तान को दी जाने वाली अमेरिकी सहायता पर रोक लगाने का निर्देश दिया था। ट्रंप प्रशासन का यह कदम पाकिस्तान की आतंकवाद को समर्थन देने की नीति के खिलाफ था, लेकिन इस निर्णय को लागू करने में व्हाइट हाउस को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा था।
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उन्होंने खुलासा किया कि ट्रंप प्रशासन के दौरान, व्हाइट हाउस ने पाकिस्तान को दी जाने वाली सुरक्षा सहायता को रोकने के लिए विदेश विभाग और पेंटागन के विरोध का सामना किया। यह विरोध इसलिए था क्योंकि कई अधिकारियों का मानना था कि पाकिस्तान के साथ संबंध बनाए रखना अमेरिका के रणनीतिक हित में है। हालांकि, ट्रंप ने इस पर सख्त रुख अपनाते हुए पाकिस्तान को आतंकवादियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह बनने से रोकने के लिए सभी प्रकार की सहायता पर रोक लगाने का निर्णय लिया था। मैकमास्टर ने अपने अनुभवों और जानकारी के आधार पर बताया कि पाकिस्तान में आतंकवाद का गढ़ बन चुके कई संगठन, जैसे लश्कर-ए-तैयबा, तालिबान और हक्कानी नेटवर्क, आईएसआई की छत्रछाया में पनपे हैं। उनका कहना था कि इन संगठनों को आईएसआई की तरफ से न केवल वित्तीय सहायता मिलती है बल्कि उन्हें सुरक्षित ठिकाने भी उपलब्ध कराए जाते हैं।
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यहां तक कि जब भी अमेरिका या अन्य पश्चिमी देश इन संगठनों पर कार्रवाई करने का प्रयास करते हैं, तो आईएसआई अपने प्रभाव का उपयोग करके उन्हें बचाने का प्रयास करता है। इस प्रकार, आईएसआई का आतंकवाद से जुड़ा चेहरा अब दुनिया के सामने उजागर हो चुका है। मैकमास्टर के इन बयानों ने एक बार फिर से यह स्पष्ट कर दिया है कि पाकिस्तान की नीतियों में आतंकवाद का समर्थन एक गंभीर मुद्दा है, और इस समस्या के समाधान के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को ठोस कदम उठाने की जरूरत है।