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केंद्रीय कैबिनेट की बैठक: किसानों के लिए 7 कल्याणकारी योजनाओं को मिली मंजूरी, 14,000 करोड़ रुपये का आवंटन.

सोमवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में किसानों के कल्याण के लिए 7 प्रमुख योजनाओं को मंजूरी दी गई है। यह जानकारी केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी है।

सोमवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में किसानों के कल्याण के लिए 7 प्रमुख योजनाओं को मंजूरी दी गई है। यह जानकारी केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में कृषि क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं, जिनका उद्देश्य किसानों की आय में वृद्धि करना और उनके जीवन को बेहतर बनाना है। इन योजनाओं के लिए कुल 14,000 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है।

1. फसल विज्ञान में निवेश:
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि कैबिनेट ने फसल विज्ञान, खाद्य और पोषण के क्षेत्र में निवेश के लिए 3,979 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दी है। यह योजना किसानों को बेहतर उत्पादन तकनीकों और पोषण संबंधी फसलों की खेती में मदद करेगी।

2. डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन:
कैबिनेट ने डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन के लिए 2,817 करोड़ रुपये की योजना को स्वीकृति दी है। इस योजना का उद्देश्य देश में कृषि क्षेत्र में डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास करना है। यह डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर किसानों को नई तकनीकों का उपयोग करने और कृषि उत्पादकता बढ़ाने में मदद करेगा।

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3. कृषि शिक्षा और प्रबंधन:
कृषि शिक्षा और प्रबंधन को मजबूत करने के लिए 2,292 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दी गई है। इस योजना का उद्देश्य कृषि विज्ञान में नवाचार और शिक्षा को बढ़ावा देना है, ताकि युवा किसानों को उन्नत तकनीकों के बारे में जानकारी मिल सके और वे कृषि प्रबंधन में कुशल बन सकें।

4. टिकाऊ पशुधन स्वास्थ्य:
कृषि के साथ-साथ पशुपालन क्षेत्र में सुधार के लिए भी कदम उठाए गए हैं। टिकाऊ पशुधन स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए 1,702 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दी गई है। इस योजना के तहत पशुओं के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और टिकाऊ पशुपालन के लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे।

5. बागवानी में वृद्धि:
बागवानी क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए 860 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दी गई है। इस योजना के तहत फलों, सब्जियों, फूलों और अन्य बागवानी उत्पादों की खेती को प्रोत्साहित किया जाएगा, जिससे किसानों की आय में वृद्धि होगी।

6. कृषि विज्ञान केंद्र:
कृषि विज्ञान केंद्रों के विकास के लिए 1,202 करोड़ रुपये की योजना को स्वीकृति दी गई है। यह केंद्र किसानों को कृषि विज्ञान के नए तरीकों और तकनीकों के बारे में जागरूक करने के लिए स्थापित किए जाएंगे। इस योजना का उद्देश्य किसानों को उन्नत कृषि तकनीकों के प्रति संवेदनशील बनाना है।

7. प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन:
प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन और उनके संरक्षण के लिए 1,115 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दी गई है। इस योजना के तहत कृषि क्षेत्र में जल, मिट्टी और अन्य प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण और प्रबंधन किया जाएगा, जिससे सतत विकास सुनिश्चित हो सके।

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किसानों की योजनाओं के अलावा, मोदी कैबिनेट ने गुजरात के साणंद में एक सेमीकंडक्टर यूनिट स्थापित करने के लिए 3,300 करोड़ रुपये की योजना को भी मंजूरी दी है। यह यूनिट प्रतिदिन 60 लाख चिप का उत्पादन करेगी और इसका उपयोग औद्योगिक, ऑटोमोटिव, इलेक्ट्रिक वाहन, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, दूरसंचार, और मोबाइल फोन जैसे क्षेत्रों में किया जाएगा। इसके अलावा, कैबिनेट ने 309 किलोमीटर लंबी नई रेल लाइन परियोजना को भी मंजूरी दी है, जो मुंबई और इंदौर के बीच सबसे छोटी रेल कनेक्टिविटी प्रदान करेगी। इस परियोजना के तहत महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के असंबद्ध क्षेत्रों को जोड़ा जाएगा और इसका निर्माण 2028-29 तक पूरा होने की संभावना है। इस परियोजना से 102 लाख मानव दिवसों का प्रत्यक्ष रोजगार सृजित होगा। इन योजनाओं और परियोजनाओं का उद्देश्य देश के कृषि और औद्योगिक क्षेत्र को मजबूत करना है, जिससे ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में समग्र विकास हो सके।

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