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हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में इस्तीफों की लहर, बड़े नेताओं ने पार्टी को कहा अलविदा

हरियाणा विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा में इस्तीफों की एक बड़ी लहर देखने को मिल रही है। कई प्रमुख नेताओं और पदाधिकारियों ने पार्टी छोड़ दी है, जिससे भाजपा की स्थिति में असंतोष और उथल-पुथल बढ़ गई है।

हरियाणा विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा में इस्तीफों की एक बड़ी लहर देखने को मिल रही है। कई प्रमुख नेताओं और पदाधिकारियों ने पार्टी छोड़ दी है, जिससे भाजपा की स्थिति में असंतोष और उथल-पुथल बढ़ गई है। टिकट वितरण को लेकर नाराजगी और आरोपों की वजह से पार्टी के भीतर संकट गहरा गया है। बीजेपी के कई वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। इनमें प्रमुख नाम शमशेर गिल, कविता जैन, लक्ष्मण नापा, और सुखविंदर मांडी के हैं। ये सभी नेता टिकट न मिलने से नाराज थे। इसके अलावा, आदित्य चौटाला, करणदेव कंबोज, सावित्री जिंदल, और रणजीत सिंह चौटाला ने भी पार्टी से अलविदा कह दिया है।

आदित्य चौटाला, जिन्होंने हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड (HSAM) के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया, ने भाजपा से इस्तीफा दे दिया। वे डबवाली विधानसभा सीट से टिकट की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन पहली सूची में उनका नाम न देखकर वे नाराज हो गए। पूर्व मंत्री और भाजपा के ओबीसी मोर्चा के पूर्व अध्यक्ष करणदेव कंबोज ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा में अब कांग्रेस का कल्चर प्रवेश कर गया है। कंबोज ने कहा कि वे और उनका परिवार जनसंघ के समय से भाजपा के साथ रहे हैं और उन्होंने कई लोगों के साथ काम किया है। उन्होंने भाजपा के भीतर ‘कांग्रेसी कल्चर’ के आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ धोखा हुआ है। कंबोज का मानना है कि भाजपा के भीतर ही कांग्रेस की शैली को अपनाया गया है, जिससे पार्टी में असंतोष बढ़ा है।

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सावित्री जिंदल ने भी भाजपा से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने यह भी घोषणा की कि यह उनका अंतिम चुनाव है और वे निर्दलीय चुनाव लड़ेंगी। रणजीत सिंह चौटाला ने भी पार्टी से इस्तीफा दिया है और उन्होंने कहा कि वे रानियां विधानसभा से चुनाव लड़ेंगे, चाहे वे किसी भी पार्टी से चुनाव लड़ें। भाजपा के किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर मांडी ने टिकट न मिलने पर पार्टी छोड़ दी है। उन्होंने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया और अपनी नाराजगी जाहिर की।

लक्ष्मण नापा, जो रतिया से भाजपा के विधायक थे, ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। भाजपा ने सिरसा से पूर्व सांसद सुनीता दुग्गल को टिकट दिया, जिससे नापा नाराज हो गए और उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। नापा आज कांग्रेस में शामिल होंगे। पूर्व मंत्री कविता जैन को भी टिकट न मिलने पर पार्टी से इस्तीफा देना पड़ा। उन्होंने अपने समर्थकों के साथ मिलकर पार्टी से बाहर होने का फैसला किया और टिकट न मिलने की वजह से वे काफी दुखी थीं।

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भाजपा की पहली सूची में टिकट कटने से पार्टी में बगावत के सुर फूट पड़े हैं। पार्टी ने बुधवार को 90 विधानसभा सीटों में से 67 सीटों पर उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की थी। इसके बाद से ही इस्तीफों का सिलसिला शुरू हो गया और रात साढ़े 10 बजे तक 26 से अधिक पदाधिकारी अपने पदों से इस्तीफा दे चुके थे। इस्तीफा देने वालों में पार्षद इंदु वलेचा, उनके पति संजीव वलेचा, महाराजा अग्रसेन मंडल के किसान मोर्चे के अध्यक्ष अशोक, मंडल महामंत्री रजत जैन, आनंद कुमार, मनजीत दहिया, मुकेश एंडी, नरेंद्र जोगी, मंडल अध्यक्ष मुकेश बतरा, सोनीपत विधानसभा के चुनाव प्रभारी अमित कुमार, संजय ठेकेदार, सोमवीर, दीपक पांचाल, जोगेंद्र प्रजापति, मनोज धानिया, जगदीश छिक्कारा, रमापति उपाध्याय, धनीराम और पूर्व पार्षद मनोज शर्मा शामिल हैं।

इन इस्तीफों के बीच, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने लाडवा विधानसभा सीट से टिकट मिलने पर भाजपा, पीएम मोदी, जेपी नड्डा, और अमित शाह का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि उन्हें पार्टी के राष्ट्रीय और प्रदेश नेतृत्व पर पूरा विश्वास है। भाजपा के वरिष्ठ नेता अनिल विज ने भी अंबाला कैंट निर्वाचन क्षेत्र से नामित होने पर खुशी जताई और कहा कि वे और अधिक काम करेंगे और लोगों का विश्वास जीतेंगे। विज ने ‘काम किया है, काम करेंगे’ को अपना मुख्य नारा बताया है।

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