मणिपुर में हालात फिर से बिगड़ते नजर आ रहे हैं, जहां हिंसा और विरोध प्रदर्शनों की नई लहर ने राज्य में तनाव पैदा कर दिया है। इन हालातों को देखते हुए, मणिपुर की राजधानी और उसके आसपास के इलाकों में सख्त कानून व्यवस्था के कदम उठाए गए हैं। इंफाल पश्चिम और इंफाल पूर्व के जिला प्रशासन ने मंगलवार, 10 सितंबर को दोनों जिलों में सुबह 11:00 बजे से कर्फ्यू लागू करने का आदेश दिया।
गृह विभाग से प्राप्त सूचना के अनुसार, छात्र आंदोलनों और बढ़ते विरोध प्रदर्शनों के बीच पूरे मणिपुर में इंटरनेट सेवाओं को भी पांच दिनों के लिए बंद कर दिया गया है। इसका उद्देश्य अफवाहों और असामाजिक तत्वों द्वारा सोशल मीडिया का दुरुपयोग रोकना है, ताकि कानून व्यवस्था को बनाए रखा जा सके। इंफाल पश्चिम और इंफाल पूर्व के जिलाधिकारियों ने सोमवार को दो अलग-अलग आदेश जारी किए, जिसमें उन्होंने पहले जारी कर्फ्यू में छूट (सुबह 5 बजे से रात 10 बजे तक) को रद्द कर दिया और पूरे जिलों में बिना किसी छूट के पूर्ण कर्फ्यू लागू करने की घोषणा की। यह कर्फ्यू अगले आदेश तक जारी रहेगा।
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कर्फ्यू के आदेश में कहा गया है कि स्वास्थ्य सेवाओं, नगर निगम के कामकाज, बिजली विभाग, पेट्रोल पंप, अदालतें, उड़ान यात्रियों और मीडिया जैसी आवश्यक सेवाओं से जुड़े लोगों को इस प्रतिबंध से बाहर रखा गया है। इसके अलावा, सरकारी अधिकारियों और आपातकालीन सेवाओं में लगे कर्मचारियों को भी कर्फ्यू के दौरान आने-जाने की अनुमति दी गई है। इंफाल और मणिपुर के अन्य हिस्सों में हिंसा के विरोध में सैकड़ों छात्रों ने सोमवार को मणिपुर के मुख्यमंत्री सचिवालय और इंफाल के राजभवन के सामने प्रदर्शन किया। ये छात्र महिलाओं के बाजार इमा मार्केट (जिसे नुपी के नाम से भी जाना जाता है) में इकट्ठा हुए, जो कि स्थानीय महिलाओं के लिए एक प्रमुख व्यापारिक स्थल है।
हालांकि, कर्फ्यू के फिर से लागू होने के कारण मंगलवार को इमा मार्केट बंद था। प्रदर्शनकारी छात्रों ने इस बाजार की पहली मंजिल पर खुद को बंद कर लिया। स्थानीय पुलिस ने उन्हें शांतिपूर्वक घर लौटने के लिए प्रेरित किया, ताकि किसी तरह की हिंसा या टकराव की स्थिति पैदा न हो। बढ़ते विरोध और कानून व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति को नियंत्रित करने के लिए मणिपुर सरकार ने पूरे राज्य में पांच दिनों के लिए इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया है। प्रशासन का मानना है कि सोशल मीडिया और अन्य ऑनलाइन प्लेटफार्मों का दुरुपयोग अफवाह फैलाने और हिंसा भड़काने में अहम भूमिका निभा सकता है।
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इससे पहले भी राज्य में इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगाई गई थी, लेकिन इस बार की रोक अधिक सख्त और व्यापक है। राज्य सरकार और गृह विभाग के अनुसार, यह कदम असामाजिक तत्वों को रोकने और शांति बहाल करने के लिए जरूरी है। मणिपुर में बढ़ती हिंसा और विरोध प्रदर्शन के बीच प्रशासन पूरी तरह से स्थिति पर नजर बनाए हुए है। कर्फ्यू और इंटरनेट बंद के फैसले को लेकर आम जनता में मिश्रित प्रतिक्रिया देखी जा रही है। हालांकि, सरकार का मानना है कि ये कदम राज्य में शांति और स्थिरता लाने के लिए जरूरी हैं। अधिकारियों ने जनता से अपील की है कि वे अफवाहों से बचें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें ताकि राज्य में स्थिति को जल्द से जल्द सामान्य किया जा सके।