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विदेश मंत्री एस जयशंकर का बयान, चीन के साथ व्यापार पर खुलापन और रूस-यूक्रेन संकट पर वार्ता का ज़िक्र

बर्लिन में आयोजित वार्षिक राजदूत सम्मेलन में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन और रूस-यूक्रेन संघर्ष पर महत्वपूर्ण बयान दिए।

बर्लिन में आयोजित वार्षिक राजदूत सम्मेलन में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन और रूस-यूक्रेन संघर्ष पर महत्वपूर्ण बयान दिए। सम्मेलन में जयशंकर ने भारत-चीन व्यापारिक संबंधों और यूक्रेन युद्ध के समाधान पर अपनी राय स्पष्ट की, जिससे इन मुद्दों पर भारत के रुख को लेकर नई दिशा सामने आई। विदेश मंत्री जयशंकर ने चीन के साथ व्यापार पर भारत की नीति पर विचार साझा किए। उन्होंने साफ किया कि भारत ने चीन के साथ व्यापार के लिए दरवाजे बंद नहीं किए हैं। हालांकि, उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि भारत किन क्षेत्रों में चीन के साथ व्यापार करता है और किन शर्तों पर, यह बेहद महत्वपूर्ण और जटिल मुद्दा है।

जयशंकर का बयान ऐसे समय में आया है जब भारत और चीन के बीच सीमा विवाद और अन्य कूटनीतिक मुद्दों पर तनाव जारी है। भारत के लिए व्यापारिक संबंधों में सामरिक संतुलन बनाए रखना बेहद ज़रूरी है। जहां एक ओर दोनों देशों के बीच व्यापारिक गतिविधियाँ चल रही हैं, वहीं दूसरी ओर, भारत लगातार आत्मनिर्भरता पर भी ज़ोर दे रहा है और अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक हितों को प्राथमिकता दे रहा है।

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जयशंकर ने रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे संघर्ष पर भी अहम टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि यह संघर्ष युद्ध के मैदान में सुलझाया नहीं जा सकता है और दोनों पक्षों को वार्ता की ओर बढ़ना ही होगा। विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि भारत इस मुद्दे पर हमेशा से वार्ता का समर्थक रहा है और अगर रूस और यूक्रेन को सलाह की ज़रूरत होगी, तो भारत उसकी पेशकश करने को तैयार रहेगा। जयशंकर ने यह बयान उस दिन दिया जब उन्होंने सऊदी अरब की राजधानी रियाद में रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से मुलाकात की थी। यह मुलाकात खाड़ी सहयोग परिषद के विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान हुई थी।

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जयशंकर ने सम्मेलन के दौरान कहा कि इस संघर्ष का कोई सैन्य समाधान नहीं है और अंततः रूस और यूक्रेन को बातचीत की मेज पर आना ही पड़ेगा। यह बयान ऐसे समय में आया है जब युद्ध के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था और आपूर्ति श्रृंखला पर गहरा असर पड़ा है, और भारत वैश्विक शांति स्थापित करने की दिशा में अपना योगदान देने के लिए प्रयासरत है।

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