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कोलकाता मेडिकल कॉलेज में हड़ताल, ममता बनर्जी ने दिया जूनियर डॉक्टरों को समर्थन, दोषियों को सजा दिलाने का वादा

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता के आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज में हड़ताल कर रहे जूनियर डॉक्टरों से मिलने के लिए स्वास्थ्य भवन पहुंची। यह हड़ताल एक महिला डॉक्टर से हुए रेप और हत्या के मामले के बाद शुरू हुई, जिसमें दोषियों को सजा दिलाने की मांग की जा रही है।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता के आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज में हड़ताल कर रहे जूनियर डॉक्टरों से मिलने के लिए स्वास्थ्य भवन पहुंची। यह हड़ताल एक महिला डॉक्टर से हुए रेप और हत्या के मामले के बाद शुरू हुई, जिसमें दोषियों को सजा दिलाने की मांग की जा रही है। ममता बनर्जी ने डॉक्टर्स की इस मांग पर गंभीरता से विचार करने का आश्वासन दिया और उन्हें हड़ताल समाप्त करने की अपील की। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मौके पर पहुंचकर प्रदर्शनकारी डॉक्टरों से कहा कि वह इस मुश्किल घड़ी में उनके साथ हैं। उन्होंने डॉक्टर्स से कहा, “आप बारिश में प्रदर्शन कर रहे हैं, जिससे मैं पूरी रात सो नहीं पाई। मैं आपका दर्द समझती हूं और आपके साथ खड़ी हूं। मुझे अपने पद की चिंता नहीं है, बल्कि आपकी सुरक्षा की ज्यादा फिक्र है।”

मुख्यमंत्री ने प्रदर्शनकारी डॉक्टरों के सामने अपने छात्र जीवन का जिक्र करते हुए कहा, “मैंने भी अपने छात्र जीवन में बहुत आंदोलन किए हैं, इसलिए मैं आपके आंदोलन का समर्थन करती हूं।” उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार दोषियों को सजा दिलाने के लिए हर संभव कदम उठाएगी। उन्होंने सीबीआई से मामले की जांच की मांग करते हुए कहा, “मैं सीबीआई से दोषियों को फांसी की सजा दिलाने की मांग करती हूं। दोषियों को सजा जरूर मिलेगी।” ममता बनर्जी ने यह भी स्पष्ट किया कि वह इस मामले में राजनीतिक लाभ लेने के पक्ष में नहीं हैं। उन्होंने प्रदर्शनकारियों को भरोसा दिलाते हुए कहा, “मैं आपकी आवाज़ सुनने और आपकी मांगों को समझने के लिए यहां आई हूं। मुझे इस पद की कोई चिंता नहीं है।”

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मुख्यमंत्री के समर्थन और आश्वासन के बावजूद, प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने उनकी उपस्थिति में नारेबाजी की और अपना विरोध जारी रखा। हालांकि, ममता बनर्जी ने शांति और संयम से डॉक्टरों की बात सुनी और कहा कि वह हरसंभव कोशिश करेंगी कि उनकी मांगों को पूरा किया जाए। डॉक्टरों का कहना है कि इस हड़ताल का मकसद केवल महिला डॉक्टर को न्याय दिलाना ही नहीं है, बल्कि यह अस्पतालों में डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और उनके कार्यस्थल की सुरक्षा को मजबूत करने की मांग भी है। डॉक्टरों ने यह भी आरोप लगाया कि प्रशासन ने अब तक उनके खिलाफ हो रही हिंसा और असुरक्षा को गंभीरता से नहीं लिया है।

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इससे एक दिन पहले, ममता बनर्जी ने डॉक्टरों से मुलाकात की कोशिश की थी, लेकिन उनकी मुलाकात नहीं हो पाई थी। मुख्यमंत्री ने कहा, “मैंने जूनियर डॉक्टरों से मिलने के लिए दो घंटे इंतजार किया, लेकिन वे बैठक स्थल पर नहीं आए।” उन्होंने कहा कि यदि उनकी बात नहीं सुनी जाती, तो वह मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए भी तैयार हैं। हालांकि, प्रदर्शनकारी डॉक्टरों का कहना है कि वे नबन्ना (मुख्यमंत्री का कार्यालय) गए थे, लेकिन मुख्यमंत्री से मुलाकात नहीं हो पाई थी। इस पूरे घटनाक्रम से स्थिति और अधिक तनावपूर्ण हो गई है, लेकिन ममता बनर्जी ने डॉक्टर्स को हरसंभव समर्थन देने का वादा किया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की इस पहल के बाद यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि क्या डॉक्टरों की हड़ताल खत्म होती है और सरकार उनकी मांगों पर क्या ठोस कदम उठाती है।

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