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शिक्षक से लेकर दिल्ली की मुख्यमंत्री तक, आतिशी का सफर और उपलब्धियाँ.

आम आदमी पार्टी (AAP) ने दिल्ली की राजनीति में बड़ा बदलाव किया है। पार्टी की वरिष्ठ नेता और दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी को दिल्ली का नया मुख्यमंत्री चुना गया है।

आम आदमी पार्टी (AAP) ने दिल्ली की राजनीति में बड़ा बदलाव किया है। पार्टी की वरिष्ठ नेता और दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी को दिल्ली का नया मुख्यमंत्री चुना गया है। आतिशी, जो 2020 में पहली बार विधायक बनी थीं, अब दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री बनने जा रही हैं। यह फैसला विधायक दल की बैठक में मंगलवार को लिया गया। इससे पहले अरविंद केजरीवाल ने जेल से जमानत पर बाहर आने के बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने की घोषणा की थी।

आतिशी का जन्म 8 जून 1981 को दिल्ली में हुआ था। उनके माता-पिता, विजय सिंह और त्रिप्ता वाही, दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में प्रोफेसर थे। उनकी प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली के प्रतिष्ठित स्प्रिंगडेल्स स्कूल, पूसा रोड से हुई। बाद में उन्होंने सेंट स्टीफंस कॉलेज से इतिहास में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। उनकी शिक्षा का सफर यहीं नहीं रुका। उन्हें ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में शेवनिंग स्कॉलरशिप पर मास्टर्स करने का अवसर मिला। इसके बाद रोड्स स्कॉलरशिप के तहत भी उन्होंने ऑक्सफोर्ड से उच्च शिक्षा प्राप्त की।

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राजनीति में कदम रखने से पहले आतिशी ने शिक्षा के क्षेत्र में काम किया। उन्होंने मध्य प्रदेश के एक छोटे से गाँव में लगभग 7 वर्षों तक काम किया। इसके अलावा, आंध्र प्रदेश के ऋषि वैली स्कूल में इतिहास और अंग्रेज़ी पढ़ाया। शिक्षा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ने उन्हें दिल्ली के शिक्षा संस्थानों में सुधार के लिए एक अहम भूमिका निभाने का अवसर दिया। उनके प्रयासों का असर दिल्ली के सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता में सुधार के रूप में देखा गया।

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आतिशी ने 2013 में आम आदमी पार्टी से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की। उन्होंने 2015 से 2018 तक मनीष सिसोदिया की सलाहकार के रूप में काम किया। 2019 में उन्होंने पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा, हालांकि वे गौतम गंभीर से हार गईं। लेकिन 2020 में उन्होंने कालकाजी विधानसभा सीट से जीत दर्ज की और दिल्ली विधानसभा में पहुंचीं। 9 मार्च 2023 को आतिशी पहली बार दिल्ली सरकार में मंत्री बनीं। उनके पास शिक्षा और PWD समेत 13 मंत्रालयों का प्रभार था। आतिशी का दिल्ली के मुख्यमंत्री बनने का सफर उनके नेतृत्व, शिक्षा के प्रति समर्पण और जनता की सेवा में निरंतरता का प्रमाण है।

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