जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों के पहले चरण का मतदान कल, 18 सितंबर को होने जा रहा है। कुल 90 विधानसभा सीटों वाले इस राज्य में पहले चरण के तहत 24 विधानसभा क्षेत्रों में वोटिंग होगी। चुनाव आयोग और प्रशासन ने मतदान की सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। कल मंगलवार को पहले चरण के चुनाव प्रचार का शोर थम गया, और अब प्रशासन ने मतदान के दौरान शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए कड़े इंतजाम किए हैं। सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस और अर्धसैनिक बलों की व्यापक तैनाती की गई है ताकि आतंकवादी घटनाओं से बचा जा सके और मतदान प्रक्रिया सुचारू रूप से हो सके।
पहले चरण के तहत 7 जिलों की 24 विधानसभा सीटों पर मतदान होगा, जिसमें 23.27 लाख मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। इनमें 11.76 लाख पुरुष मतदाता और 11.51 लाख महिला मतदाता शामिल हैं। इसके अलावा, पहली बार मतदान करने वाले 5.66 लाख मतदाता भी चुनाव प्रक्रिया का हिस्सा बनेंगे, जबकि 60 थर्ड जेंडर मतदाता भी अपने मत का उपयोग करेंगे। जम्मू क्षेत्र में 8 विधानसभा सीटों पर और कश्मीरी घाटी में 16 विधानसभा सीटों पर वोट डाले जाएंगे।
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चुनाव आयोग द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार, पहले चरण के चुनाव में कुल 219 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इनमें से 9 महिला उम्मीदवार हैं, जबकि 92 प्रत्याशी निर्दलीय रूप से चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं, 36 उम्मीदवारों पर विभिन्न आपराधिक मामले दर्ज हैं और 110 उम्मीदवार करोड़पति हैं। इस चरण के प्रमुख उम्मीदवारों में पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती का नाम भी शामिल है, जो पहली बार चुनावी मैदान में उतरी हैं।
चुनाव आयोग ने मतदाताओं को निष्पक्ष और सुरक्षित मतदान के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने का आश्वासन दिया है। मतदान केंद्रों पर सुरक्षा बलों की तैनाती के साथ-साथ मतदाताओं की सुविधा के लिए सभी आवश्यक प्रबंध किए गए हैं। साथ ही, मतदाताओं से अपील की गई है कि वे स्वतंत्र रूप से अपने मताधिकार का प्रयोग करें और किसी भी तरह के डर या दबाव से प्रभावित न हों।
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पहले चरण के मतदान के लिए 24 विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव प्रचार की गहमागहमी बीते कल खत्म हो चुकी है। चुनावी मैदान में उम्मीदवारों ने अपने-अपने क्षेत्रों में अंतिम समय तक रैलियों और जनसभाओं का आयोजन किया। राजनीतिक दलों के दिग्गज नेताओं ने मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए भरसक प्रयास किए। इस बीच, चुनाव आयोग और प्रशासन ने मतदाताओं की संख्या को ध्यान में रखते हुए मतदान केंद्रों पर सभी आवश्यक सुविधाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं, ताकि मतदान प्रक्रिया बिना किसी बाधा के संपन्न हो सके। कल होने वाले मतदान का परिणाम आगामी चुनावी परिदृश्य पर गहरा प्रभाव डाल सकता है। जहां एक ओर राजनीतिक दल अपने प्रत्याशियों के लिए बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद कर रहे हैं, वहीं मतदाता भी राज्य के भविष्य को तय करने के लिए अपने अधिकार का प्रयोग करेंगे।