दिल्ली कैबिनेट में फेरबदल, दिलीप पांडेय और कुलदीप कुमार के नामों पर चर्चा
कैबिनेट में बदलाव की जरूरत की मुख्य वजह सरकार के कामकाज में ठहराव माना जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली सरकार के कई विकास कार्य ठप पड़े हैं, और इन्हें गति देने के लिए कैबिनेट में बदलाव अनिवार्य हो गया है।
कैबिनेट में बदलाव की जरूरत की मुख्य वजह सरकार के कामकाज में ठहराव माना जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली सरकार के कई विकास कार्य ठप पड़े हैं, और इन्हें गति देने के लिए कैबिनेट में बदलाव अनिवार्य हो गया है। राजनीतिक टकराव की स्थिति में सरकार के कामकाज प्रभावित हो रहे हैं, और ऐसे में सरकार किसी भी तरह से जनता के कार्यों को सुचारु रूप से जारी रखने का प्रयास कर रही है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट से दिल्ली सरकार के अधिकारों को लेकर अभी कोई स्पष्ट दिशा नहीं मिली है, लेकिन सरकार की मंशा है कि इस स्थिति में भी विकास कार्यों को रोका न जाए। इसीलिए, नए चेहरों को मंत्रिमंडल में शामिल करके कामकाज को गति देने की योजना बनाई जा रही है।
कैबिनेट में इस समय दो मंत्री पद रिक्त हैं। पहला पद राज कुमार आनंद के इस्तीफे के बाद से खाली पड़ा है, जबकि दूसरा पद आतिशी के मुख्यमंत्री बनने के बाद खाली हो गया है। इन दोनों खाली पदों के लिए नए नामों की अटकलें लगाई जा रही हैं। सूत्रों के अनुसार, राज कुमार आनंद द्वारा छोड़े गए पद पर कोंडली सीट से विधायक कुलदीप कुमार का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है। कुलदीप कुमार पार्टी के एक सक्रिय और समर्पित नेता हैं, और उनके नाम पर सहमति बनने की संभावना है। वहीं, आतिशी द्वारा खाली किए गए पद पर दिलीप पांडेय का नाम चर्चा में है। दिलीप पांडेय को आम आदमी पार्टी के एक महत्वपूर्ण नेता के रूप में देखा जाता है और वे पहले भी कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां संभाल चुके हैं।
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दिल्ली कैबिनेट में फेरबदल को लेकर सोमनाथ भारती का नाम भी पहले चर्चा में था। मालवीय नगर से विधायक और पार्टी के वरिष्ठ नेता सोमनाथ भारती को पहले संभावित उम्मीदवारों में शामिल किया गया था। हालांकि अब दिलीप पांडेय का नाम उनके मुकाबले अधिक प्रबल माना जा रहा है, जिससे भारती की दावेदारी कमजोर होती दिख रही है। सूत्र बताते हैं कि कैबिनेट में केवल नए चेहरों को ही नहीं, बल्कि मौजूदा मंत्रियों के विभागों में भी फेरबदल हो सकता है। इसका उद्देश्य कामकाज को प्रभावी ढंग से संचालित करना है, ताकि जनता को बेहतर सेवाएं मिलती रहें।
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दिल्ली में विकास के मुद्दों पर सरकार के सामने चुनौतियां बनी हुई हैं, और इनका समाधान करने के लिए कैबिनेट में नए चेहरे लाने की योजना बनाई जा रही है। मंत्रिमंडल का यह बदलाव सरकार के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है, क्योंकि इससे प्रशासनिक गति को नई दिशा मिल सकती है। इस तरह, दिल्ली की राजनीति में आगामी दिनों में होने वाले कैबिनेट बदलाव पर सभी की निगाहें टिकी हैं।