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41 दिनों से धरना प्रदर्शन कर रहे जूनियर डॉक्टर आज से करेंगे काम पर वापसी.

कोलकाता के जूनियर डॉक्टरों का 41 दिनों से जारी धरना प्रदर्शन आखिरकार समाप्त हो गया है। धरने पर बैठे डॉक्टरों ने शुक्रवार, 20 सितंबर को प्रदर्शन मार्च निकालने के बाद घोषणा की कि वे शनिवार से फिर से काम पर लौटेंगे।

कोलकाता के जूनियर डॉक्टरों का 41 दिनों से जारी धरना प्रदर्शन आखिरकार समाप्त हो गया है। धरने पर बैठे डॉक्टरों ने शुक्रवार, 20 सितंबर को प्रदर्शन मार्च निकालने के बाद घोषणा की कि वे शनिवार से फिर से काम पर लौटेंगे। यह फैसला मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात के बाद लिया गया, जहां उन्होंने डॉक्टरों की कुछ प्रमुख मांगों को मानते हुए जरूरी कदम उठाने का आश्वासन दिया। 9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ हुए दुष्कर्म के बाद डॉक्टरों में आक्रोश फैल गया था। इस घटना के बाद जूनियर रेजिडेंट डॉक्टरों ने न्याय की मांग करते हुए धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। स्वास्थ्य सेवाएं इस प्रदर्शन से बुरी तरह प्रभावित हुईं, जिससे राज्य की चिकित्सा व्यवस्था लगभग ठप हो गई थी।

स्वास्थ्य सेवाओं में हो रही इस रुकावट को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने डॉक्टरों से काम पर लौटने की अपील की। इसके अलावा, राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी डॉक्टरों से प्रदर्शन समाप्त कर अपनी सेवाएं फिर से शुरू करने का आग्रह किया था। डॉक्टरों की प्रमुख मांगों को सुनते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उनसे मुलाकात की और उनकी शिकायतों को गंभीरता से लेने का आश्वासन दिया। इसके बाद, डॉक्टरों ने अपना धरना समाप्त करने और शनिवार से काम पर लौटने का फैसला किया।

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1. दुष्कर्म और हत्या के मामले में न्याय : ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या के मामले में सबूतों को नष्ट करने वालों की जिम्मेदारी तय की जाए और उन्हें सजा दी जाए।
2. पूर्व प्रिंसिपल के खिलाफ कार्रवाई : आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
3. स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा: डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों को बेहतर सुरक्षा प्रदान की जाए ताकि वे बिना डर के अपनी सेवाएं दे सकें।
4. सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में धमकी की संस्कृति का अंत: डॉक्टरों ने सरकारी संस्थानों में लगातार बढ़ रही “धमकी की संस्कृति” को समाप्त करने की मांग की थी।
5. उच्च अधिकारियों के इस्तीफे : डॉक्टरों ने कोलकाता पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल और स्वास्थ्य सचिव नारायण स्वरूप निगम के इस्तीफे की भी मांग की थी।

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मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने डॉक्टरों की मांगों में से तीन प्रमुख मांगों को मानते हुए त्वरित कार्रवाई की। उन्होंने चिकित्सा शिक्षा निदेशक और स्वास्थ्य सेवा निदेशक को उनके पदों से हटा दिया है। इसके अलावा, पुलिस उपायुक्त पर लगे रिश्वतखोरी के आरोपों के चलते उसे भी पद से हटा दिया गया है। धरना खत्म करने के बाद, डॉक्टरों ने घोषणा की कि वे सबसे पहले दक्षिण बंगाल के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जाकर लोगों की सहायता करेंगे। इसके साथ ही, 41 दिनों से बंद पड़ी आपातकालीन सेवाएं फिर से शुरू होंगी। हालांकि, ओपीडी सेवाओं को अभी बहाल नहीं किया जाएगा।

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