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दिल्ली में बीजेपी का प्रदर्शन, राहुल गांधी के आरक्षण पर बयान के खिलाफ उठाई आवाज

दिल्ली प्रदेश भाजपा के कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा अमेरिका में दिए गए आरक्षण विरोधी बयान के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। भाजपा के ओबीसी, एससी, और एसटी मोर्चों के कार्यकर्ताओं ने राहुल गांधी से लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष के पद से इस्तीफा देने की मांग की और देशवासियों से माफी मांगने को कहा।

दिल्ली प्रदेश भाजपा के कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा अमेरिका में दिए गए आरक्षण विरोधी बयान के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। भाजपा के ओबीसी, एससी, और एसटी मोर्चों के कार्यकर्ताओं ने राहुल गांधी से लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष के पद से इस्तीफा देने की मांग की और देशवासियों से माफी मांगने को कहा। इसी के तहत, भाजपा कार्यकर्ताओं ने राहुल गांधी का पुतला भी दहन किया। भाजपा नेताओं का कहना है कि राहुल गांधी का आरक्षण समाप्त करने का बयान एक गंभीर मुद्दा है और यह देश के दलितों, आदिवासियों और पिछड़े वर्गों के साथ एक अन्याय है। भाजपा का आरोप है कि राहुल गांधी बार-बार देश से बाहर जाकर भारत की छवि खराब करते हैं और अलगाववादी शक्तियों के साथ खड़े होते हैं।

दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया और कहा, “राहुल गांधी जब भी विदेश जाते हैं, उनके असली विचार सामने आते हैं। वह न सिर्फ भारतीय राजनीति के लिए बल्कि एससी, एसटी और ओबीसी के अधिकारों के लिए भी खतरा बनते जा रहे हैं। उनका बयान इन वर्गों के आरक्षण को समाप्त करने की बात करता है, जो कि बाबा साहेब आंबेडकर की विरासत का अपमान है।” उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस का इतिहास आरक्षण विरोधी रहा है, और राहुल गांधी इस विचारधारा को आगे बढ़ा रहे हैं। वीरेंद्र सचदेवा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के इतिहास में कई बार अनुसूचित जातियों और जनजातियों के अधिकारों को नुकसान पहुंचाने का काम किया गया है।

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प्रदर्शन के दौरान भाजपा कार्यकर्ता कांग्रेस मुख्यालय की ओर बढ़ने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें बीच में ही रोक लिया। भाजपा के ओबीसी मोर्चा, एससी मोर्चा और एसटी मोर्चा के कार्यकर्ता बैरिकेड तोड़ने की कोशिश कर रहे थे, जिसके चलते पुलिस को सख्त कार्रवाई करनी पड़ी। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेकर स्थिति को नियंत्रित किया। प्रदर्शनकारियों ने जोरदार नारेबाजी की और राहुल गांधी के खिलाफ आक्रोश जाहिर किया। उनके अनुसार, राहुल गांधी का बयान न केवल असंवेदनशील है, बल्कि यह उन वर्गों के अधिकारों पर सीधा हमला है जिनके विकास और सामाजिक उन्नति के लिए आरक्षण की आवश्यकता है।

भाजपा के अन्य नेताओं ने भी इस प्रदर्शन में हिस्सा लिया और राहुल गांधी पर तीखे हमले किए। दक्षिणी दिल्ली के सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा, “कांग्रेस का इतिहास आरक्षण के विरोध में रहा है। राहुल गांधी के पूर्वजों—जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी—ने भी आरक्षण का विरोध किया था। अब राहुल गांधी इस परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं और पीएम मोदी के लिए अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं।” उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार एससी, एसटी और ओबीसी के विकास के लिए काम कर रही है। “प्रधानमंत्री मोदी की सरकार ने हमेशा इन वर्गों के अधिकारों की रक्षा की है और उन्हें उचित प्रतिनिधित्व देने के लिए प्रतिबद्ध है,” बिधूड़ी ने कहा।

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पश्चिमी दिल्ली की सांसद कमलजीत सहरावत ने भी राहुल गांधी पर हमला करते हुए कहा कि भाजपा हमेशा वंचित वर्गों के अधिकारों की रक्षा के लिए खड़ी रही है। “राहुल गांधी का बयान न केवल इन वर्गों के प्रति अपमानजनक है, बल्कि यह एक राजनीतिक षड्यंत्र है। भाजपा इस बयान के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करती है,” उन्होंने कहा। भाजपा के ओबीसी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सुनील यादव ने भी इस प्रदर्शन में भाग लिया और राहुल गांधी के बयान की निंदा की। उन्होंने कहा कि भाजपा उन वर्गों के साथ खड़ी है जिन्हें आरक्षण के तहत अपने अधिकार प्राप्त करने का हक है।

भाजपा ने यह भी स्पष्ट किया कि जब तक राहुल गांधी अपने आरक्षण विरोधी बयान पर माफी नहीं मांगते, तब तक भाजपा का विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। पार्टी का कहना है कि राहुल गांधी के बयान ने देश के दलितों, आदिवासियों और पिछड़े वर्गों के बीच गहरी नाराजगी पैदा कर दी है, और भाजपा इस मुद्दे को लेकर कोई समझौता नहीं करेगी। भाजपा कार्यकर्ताओं ने राहुल गांधी से लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष के पद से इस्तीफा देने की मांग की है और इसे उनकी जिम्मेदारी बताया है कि वे देशवासियों से माफी मांगें। पार्टी का कहना है कि इस मुद्दे पर उनकी लड़ाई जारी रहेगी और वे राहुल गांधी से उनके बयान पर स्पष्टीकरण चाहते हैं।

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