दिल्ली की 8वीं मुख्यमंत्री बनीं आतिशी, LG ने 5 अन्य मंत्रियों को भी दिलाई शपथ.
आम आदमी पार्टी (आप) की नेता आतिशी आज दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रही हैं। वह दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री होंगी, सुषमा स्वराज और शीला दीक्षित के बाद यह सम्मान पाने वालीं। 43 वर्ष की आतिशी ने शिक्षा और अन्य क्षेत्रों में अपने बेहतरीन काम की वजह से देशभर में पहचान बनाई है और अब वह राष्ट्रीय राजधानी की सबसे युवा मुख्यमंत्री के रूप में इतिहास रचने वाली हैं।
आम आदमी पार्टी (आप) की नेता आतिशी आज दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रही हैं। वह दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री होंगी, सुषमा स्वराज और शीला दीक्षित के बाद यह सम्मान पाने वालीं। 43 वर्ष की आतिशी ने शिक्षा और अन्य क्षेत्रों में अपने बेहतरीन काम की वजह से देशभर में पहचान बनाई है और अब वह राष्ट्रीय राजधानी की सबसे युवा मुख्यमंत्री के रूप में इतिहास रचने वाली हैं। शपथ समारोह से पहले आतिशी अपने आवास से निकलकर राजभवन के लिए रवाना हो चुकी हैं, वहीं, पार्टी के अन्य मंत्री और विधायक भी शपथ लेने के लिए तैयार हैं। दिल्ली सरकार के कई महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी संभालने वाली आतिशी का राजनीतिक सफर काफी दिलचस्प और चुनौतियों से भरा रहा है। साल 2013 में आतिशी ने आम आदमी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की और जल्द ही पार्टी की प्रमुख नेताओं में शामिल हो गईं। आतिशी की नीति-निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका रही है, विशेषकर शिक्षा के क्षेत्र में उनके द्वारा किए गए सुधारों की पूरे देश में सराहना हुई।
2015 में, उन्होंने मध्य प्रदेश में जल सत्याग्रह में भाग लिया, जो उनकी समाज सेवा की भावना को प्रदर्शित करता है। 2019 के लोकसभा चुनावों में, उन्हें भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता गौतम गंभीर से हार का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने हार को एक सीख के रूप में लिया और 2020 के विधानसभा चुनावों में कालकाजी सीट से शानदार जीत दर्ज की। उन्होंने बीजेपी के उम्मीदवार को 11,000 से अधिक वोटों से हराया।
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आतिशी की शिक्षा और नीति-निर्माण में गहरी समझ और उनके अनुभव ने उन्हें दिल्ली की राजनीति में एक मजबूत और प्रभावशाली नेता के रूप में स्थापित किया। अब, वह मुख्यमंत्री के रूप में नई जिम्मेदारियों को संभालने के लिए तैयार हैं। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पिछले मंगलवार को उपराज्यपाल (LG) को अपना इस्तीफा सौंपा था। इस्तीफे के बाद, आतिशी ने सरकार बनाने का दावा पेश किया। पार्टी के अंदर और बाहर आतिशी को इस भूमिका के लिए उपयुक्त नेता के रूप में देखा जा रहा है। आतिशी के साथ, पार्टी ने उनकी नई कैबिनेट में चार अन्य मंत्रियों को भी जगह दी है, जो उनके साथ काम करेंगे। इनमें गोपाल राय, कैलाश गहलोत, सौरभ भारद्वाज और इमरान हुसैन शामिल हैं, जो पूर्ववर्ती सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं।
एक नए चेहरे के रूप में, सुल्तानपुर माजरा से विधायक मुकेश अहलावत को भी कैबिनेट में जगह दी गई है। मुकेश अहलावत अनुसूचित जाति वर्ग का प्रतिनिधित्व करते हैं और वह राजकुमार आनंद की जगह लेंगे। अब दिल्ली सरकार में मुख्यमंत्री सहित कुल छह मंत्रियों की टीम होगी। शपथ ग्रहण समारोह से पहले आतिशी, प्रस्तावित मंत्रियों के साथ, आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल से मिलने उनके घर पहुंची थीं। यह मुलाकात नई सरकार के एजेंडे और भविष्य की योजनाओं पर चर्चा के लिए महत्वपूर्ण थी। बैठक के बाद, आतिशी और अन्य मंत्री केजरीवाल के साथ राजनिवास के लिए निकल गए, जहां वह शपथ लेंगे।
दिल्ली के कैबिनेट मंत्री के रूप में गोपाल राय, कैलाश गहलोत, सौरभ भारद्वाज, इमरान हुसैन और मुकेश अहलावत शपथ लेंगे। इन मंत्रियों के साथ, दिल्ली की नई सरकार जनता के कल्याण और विकास कार्यों को प्राथमिकता देते हुए अपने कार्यकाल को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। शपथ ग्रहण से पहले, आप नेता गोपाल राय ने कहा, “जनता के लिए काम करना हमारी प्राथमिकता है और दिल्ली की जनता ने हमें काम करने के लिए चुना है।” उन्होंने यह भी कहा कि सरकार में बदलाव विशेष परिस्थितियों के कारण हुआ है, लेकिन उनका लक्ष्य बचे हुए महीनों में लंबित कामों को पूरा करना है।
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आम आदमी पार्टी के नेता दिलीप पांडे ने भी शपथ से पहले अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “पूरी दिल्ली और देश ने देखा कि कैसे बीजेपी ने आम आदमी पार्टी को तोड़ने के इरादे से संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग किया। उन्होंने ईडी और सीबीआई जैसी एजेंसियों के जरिए हमारे नेताओं को गिरफ्तार करने की कोशिश की। लेकिन अदालतों और संविधान ने हमें न्याय दिया।” मुख्यमंत्री बनने के बाद आतिशी की प्राथमिकता दिल्ली की जनता के लिए बेहतर स्वास्थ्य, शिक्षा और बुनियादी सेवाओं को उपलब्ध कराना होगा। आतिशी का मानना है कि दिल्ली को विश्वस्तरीय शहर बनाने के लिए बुनियादी ढांचे में सुधार और नई तकनीकों का उपयोग बेहद जरूरी है।
पार्टी के सूत्रों के अनुसार, आतिशी का कार्यकाल पार्टी के एजेंडे को और आगे ले जाने का प्रयास करेगा, जिसमें महिलाओं की सुरक्षा, शिक्षा में और सुधार और पर्यावरण संरक्षण जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर जोर दिया जाएगा।