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महाराष्ट्र विधानसभा और नांदेड़ उपचुनाव, कांग्रेस में बड़े चेहरे की वापसी से बीजेपी को झटका.

महाराष्ट्र में इसी साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने की उम्मीद है, और चुनाव आयोग कभी भी तारीखों की घोषणा कर सकता है। इसके अलावा, नांदेड़ लोकसभा सीट पर भी उपचुनाव होना है, जो यहां के सांसद वसंत चव्हाण के निधन के बाद खाली हो गई थी।

महाराष्ट्र में इसी साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने की उम्मीद है, और चुनाव आयोग कभी भी तारीखों की घोषणा कर सकता है। इसके अलावा, नांदेड़ लोकसभा सीट पर भी उपचुनाव होना है, जो यहां के सांसद वसंत चव्हाण के निधन के बाद खाली हो गई थी। राज्य की राजनीतिक गर्मी बढ़ गई है, और सभी दल चुनाव की तैयारियों में जुट गए हैं। इन चुनावी तैयारियों के बीच, सत्ताधारी महायुति गठबंधन में शामिल भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को एक बड़ा झटका लगा है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण के बहनोई और पूर्व सांसद भास्करराव पाटील खतगांवकर, उनकी बहन डॉ. मीनल पाटील खतगांवकर और पूर्व विधायक ओपी पोकर्णा ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है। शुक्रवार को मुंबई के दादर स्थित तिलक भवन में ये सभी नेताओं ने कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।

कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले ने इन नेताओं के पार्टी में शामिल होने पर संतोष व्यक्त किया। पटोले ने कहा कि ये नेता किसी पद या लालसा के लिए नहीं बल्कि अपने जनसेवा के उद्देश्य से कांग्रेस में शामिल हुए हैं। उनके अनुसार, भास्करराव और अन्य नेताओं के कांग्रेस में आने से नांदेड़ में पार्टी का संगठन और मजबूत होगा। नांदेड़ उपचुनाव और आगामी विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस लगातार अपने संगठन को सशक्त बना रही है। नाना पटोले ने कहा कि भास्करराव खतगांवकर एक जमीनी कार्यकर्ता हैं और उनका कांग्रेस में आना नांदेड़ और पूरे राज्य में पार्टी को बड़ा फायदा पहुंचाएगा।

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कांग्रेस में शामिल होने के बाद भास्करराव पाटील खतगांवकर ने अपने संबोधन में कहा कि कांग्रेस में लौटकर उन्हें ऐसा महसूस हो रहा है कि वह अपने घर लौट आए हैं। उन्होंने कहा, “कांग्रेस ने मुझे विधायक, सांसद और मंत्री के रूप में सेवा करने का अवसर दिया था। कुछ समय के लिए दूसरी पार्टी में रहने के बाद मैं फिर से कांग्रेस में लौट आया हूं। नाना पटोले के नेतृत्व में पार्टी काफी मजबूत हुई है, और आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को पहले से कहीं ज्यादा सीटें मिलेंगी।” उनकी इस ‘घर वापसी’ की भावना ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है। उनके इस कदम से कांग्रेस को नांदेड़ लोकसभा उपचुनाव और आगामी विधानसभा चुनावों में मजबूत बढ़त मिलने की उम्मीद है।

अशोक चव्हाण, जो कि राज्य के बड़े राजनीतिक चेहरे हैं, ने पिछले लोकसभा चुनावों से पहले कांग्रेस को छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया था। हालांकि, उनके इस कदम के बावजूद कांग्रेस ने उन पर सीधे तौर पर हमला नहीं किया। इसके बजाय, कांग्रेस ने एक दूसरी रणनीति अपनाई और चव्हाण के परिवार में सेंध लगाकर उनके करीबियों को अपने साथ जोड़ लिया। भास्करराव पाटील खतगांवकर और उनके परिवार के कांग्रेस में शामिल होने से बीजेपी की स्थिति कमजोर हो सकती है, खासकर नांदेड़ जैसे महत्वपूर्ण निर्वाचन क्षेत्र में। नांदेड़ लोकसभा सीट पहले से ही कांग्रेस के नियंत्रण में थी, और कांग्रेस का मानना है कि इस तरह चव्हाण के करीबियों के कांग्रेस में आने से आगामी चुनावों में पार्टी की स्थिति और भी मजबूत होगी।

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बीजेपी के लिए यह घटनाक्रम काफी बुरा संकेत है। महायुति के घटक दलों के सामने कांग्रेस का यह आक्रामक रुख और महत्वपूर्ण नेताओं की वापसी बीजेपी के चुनावी समीकरणों को प्रभावित कर सकता है। नांदेड़ उपचुनाव और विधानसभा चुनाव दोनों ही कांग्रेस के लिए अहम हैं। भास्करराव जैसे नेताओं की घर वापसी से यह साफ हो गया है कि कांग्रेस अपनी पुरानी पकड़ को फिर से मजबूत करने में सफल हो रही है। वहीं, बीजेपी के लिए यह चुनावी माहौल चुनौतीपूर्ण हो सकता है, खासकर तब जब उसके सहयोगी दलों में भी असंतोष और विभाजन की खबरें आ रही हैं।

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