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दिल्ली की नई मुख्यमंत्री आतिशी, तीसरी महिला मुख्यमंत्री के रूप में शपथ, कैबिनेट में भी बदलाव

दिल्ली में राजनीति के नए अध्याय की शुरुआत हो चुकी है। आम आदमी पार्टी (AAP) की वरिष्ठ नेता आतिशी आज मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रही हैं। वह अपने कालकाजी आवास से राजभवन के लिए निकल चुकी हैं, जहां मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया जाएगा।

दिल्ली में राजनीति के नए अध्याय की शुरुआत हो चुकी है। आम आदमी पार्टी (AAP) की वरिष्ठ नेता आतिशी आज मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रही हैं। वह अपने कालकाजी आवास से राजभवन के लिए निकल चुकी हैं, जहां मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया जाएगा। इसके साथ ही, आतिशी दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री बनने जा रही हैं, जो कि सुषमा स्वराज और शीला दीक्षित के बाद इस पद पर पहुंचेंगी। आतिशी के साथ दिल्ली की कैबिनेट में भी बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। सुल्तानपुर माजरा से विधायक मुकेश अहलावत भी मंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं।

आतिशी के मुख्यमंत्री बनने का यह सफर कई महत्वपूर्ण पड़ावों और संघर्षों से भरा रहा है। 43 वर्षीय आतिशी न केवल दिल्ली की सबसे युवा मुख्यमंत्री बनेंगी, बल्कि वह आम आदमी पार्टी की संस्थापक सदस्यों में से एक हैं। उन्होंने पार्टी की नीतियों को आकार देने में अहम भूमिका निभाई है और पार्टी के विभिन्न अभियानों में उनका योगदान काफी महत्वपूर्ण रहा है। अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के बाद, आतिशी ने दिल्ली में नई सरकार बनाने का दावा पेश किया था और उनकी पार्टी ने उन्हें मुख्यमंत्री पद के लिए नामित किया था।

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आतिशी की राजनीतिक यात्रा का आरंभ 2013 में हुआ, जब उन्होंने आम आदमी पार्टी की सदस्यता ली। इसके बाद उन्होंने कई सामाजिक अभियानों में सक्रिय भूमिका निभाई। 2015 में उन्होंने मध्य प्रदेश के जल सत्याग्रह में भी भाग लिया, जहां उनकी सक्रियता और नेतृत्व क्षमता की सराहना की गई। हालाँकि, 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता गौतम गंभीर के खिलाफ करारी हार का सामना करना पड़ा, जिसमें वह चार लाख से अधिक मतों से हार गईं। लेकिन 2020 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने कालकाजी से भाजपा नेता को 11 हजार से अधिक मतों के अंतर से हराकर अपनी राजनीतिक जमीन मजबूत कर ली।

मुख्यमंत्री के रूप में आतिशी की शपथ के साथ ही दिल्ली की कैबिनेट में भी कई बदलाव किए गए हैं। पार्टी द्वारा घोषित मंत्रिपरिषद में सुल्तानपुर माजरा के विधायक मुकेश अहलावत को शामिल किया गया है, जो कि अनुसूचित जाति वर्ग का प्रतिनिधित्व करते हैं। वह राजकुमार आनंद की जगह कैबिनेट में आए हैं। इसके अलावा, गोपाल राय, कैलाश गहलोत, सौरभ भारद्वाज और इमरान हुसैन को भी दोबारा मंत्री बनाया गया है।

दिल्ली सरकार में कुल छह मंत्रियों का प्रावधान है, जिसमें मुख्यमंत्री के साथ पांच अन्य मंत्रियों ने शपथ ली है। गोपाल राय ने शपथ ग्रहण से पहले कहा कि दिल्ली की जनता के लिए काम करना उनकी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा, “सरकार में यह बदलाव विशेष परिस्थितियों के कारण हुआ है, लेकिन हमारा लक्ष्य इन बचे हुए महीनों में लंबित कामों को तेजी से पूरा करना है।” शपथ ग्रहण से पहले आतिशी और उनके साथ प्रस्तावित मंत्रियों ने अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की। इस दौरान अरविंद केजरीवाल ने उन्हें शुभकामनाएं दीं और दिल्ली की जनता के लिए लगातार काम करने की प्रेरणा दी। मुलाकात के बाद आतिशी, अरविंद केजरीवाल और अन्य मंत्रियों के साथ शपथ ग्रहण समारोह के लिए ‘राजनिवास’ की ओर रवाना हो गईं।

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दिल्ली की राजनीति में हाल के बदलावों को लेकर आम आदमी पार्टी के नेताओं ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए हैं। आप नेता दिलीप पांडे ने कहा कि भाजपा ने संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग कर आम आदमी पार्टी के नेताओं को निशाना बनाया। उन्होंने कहा, “ईडी और सीबीआई जैसी संस्थाओं का उपयोग करके भाजपा ने आप नेताओं को गिरफ्तार कराया, लेकिन अदालतों और संविधान की बदौलत हमें न्याय मिला और भाजपा को करारा जवाब मिला।” उन्होंने कहा कि भाजपा ने दिल्ली की जनता से बदला लेने के इरादे से यह सब किया था, क्योंकि तीन बार भाजपा को दिल्ली की जनता ने नकार दिया था।

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