तिरुपति बालाजी मंदिर के लड्डू में पशु चर्बी की रिपोर्ट पर सियासी घमासान, जांच के लिए SIT गठित.
आंध्र प्रदेश के प्रसिद्ध तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद (लड्डू) में कथित तौर पर पशुओं की चर्बी मिलने की रिपोर्ट से राज्य में राजनीतिक माहौल गरमा गया है। रिपोर्ट्स सामने आने के बाद से ही इस मामले पर राज्य सरकार और विपक्ष के बीच तीखी प्रतिक्रिया हो रही है।
आंध्र प्रदेश के प्रसिद्ध तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद (लड्डू) में कथित तौर पर पशुओं की चर्बी मिलने की रिपोर्ट से राज्य में राजनीतिक माहौल गरमा गया है। रिपोर्ट्स सामने आने के बाद से ही इस मामले पर राज्य सरकार और विपक्ष के बीच तीखी प्रतिक्रिया हो रही है। इस विवाद के बीच, मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की सरकार ने रविवार को विशेष जांच दल (SIT) का गठन कर दिया है, जो इस मामले की गहराई से जांच करेगी। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने मामले को गंभीरता से लेते हुए SIT गठन का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि इस विशेष टीम द्वारा की गई जांच की रिपोर्ट जल्द ही सरकार को सौंपी जाएगी। इसके बाद सरकार इस मुद्दे पर उचित कदम उठाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने वाले दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। SIT का गठन इस उद्देश्य से किया गया है ताकि प्रसाद में जानवरों की चर्बी मिलाने के पीछे की असल वजहों का पता लगाया जा सके और जिम्मेदार लोगों को सजा दी जा सके।
इस बीच, आंध्र प्रदेश के डिप्टी मुख्यमंत्री और जनसेना पार्टी के प्रमुख पवन कल्याण ने इस मामले को लेकर गहरा दुख और आक्रोश व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म के प्रति ऐसा अपवित्र कार्य बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। उन्होंने आरोप लगाया कि अगर इसी प्रकार का कृत्य किसी मस्जिद या चर्च में होता, तो देशभर में गुस्से की लहर फैल जाती। पवन कल्याण ने कहा कि हिंदू मंदिरों का अपमान करने पर हिंदू समाज चुप नहीं बैठेगा। पवन कल्याण ने इस विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए 11 दिन का प्रायश्चित उपवास करने का निर्णय लिया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “हे बालाजी भगवन, क्षमा करें। तिरुमाला लड्डू प्रसाद, जिसे अत्यंत पवित्र माना जाता है, अब अपवित्र हो गया है। इसे पशुओं की चर्बी से दूषित किया गया है। यह अपराध केवल वही कर सकते हैं, जिनके दिल में दया और धार्मिक भावना नहीं है।”
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पवन कल्याण ने अपने संदेश में सनातन धर्म में आस्था रखने वाले सभी लोगों से अपील की कि वे इस अपवित्र कार्य का प्रायश्चित करें। उन्होंने कहा कि यह प्रत्येक सनातन धर्मी की जिम्मेदारी है कि वह इस अपराध के खिलाफ आवाज उठाए। इसके साथ ही, उन्होंने कहा कि 22 सितंबर 2024 से वह गुंटूर जिले के नंबूर स्थित श्री दशावतार वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में उपवास शुरू करेंगे। यह उपवास 11 दिनों तक चलेगा, जिसके बाद वे तिरुमाला जाकर बालाजी के दर्शन करेंगे। पवन कल्याण ने भगवान से प्रार्थना की कि उन्हें ऐसे अपराधों का प्रायश्चित करने की शक्ति मिले। पवन कल्याण ने अपने बयान में आरोप लगाया कि तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) के कुछ सदस्यों और कर्मचारियों ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया। उन्होंने कहा कि बोर्ड के अधिकारियों ने समय पर इस अपराध का पता नहीं लगाया, जबकि यह उनकी जिम्मेदारी थी। उनका मानना है कि पूर्व के कुछ शासकों की राक्षसी प्रवृत्तियों के कारण तिरुपति के पवित्र लड्डू को अपवित्र किया गया।
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जनसेना प्रमुख ने यह भी आरोप लगाया कि तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम के कर्मचारी और सदस्य, जो मंदिर की व्यवस्था का हिस्सा हैं, इस तरह के अपराधों को जानने के बाद भी चुप रहते हैं। उन्होंने कहा कि यह डर केवल उन शासकों के कारण था, जो भगवान और धर्म को नहीं मानते थे और धार्मिक स्थलों को अपवित्र करते थे। राज्य सरकार के SIT द्वारा की गई जांच के बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री नायडू ने विश्वास दिलाया कि धार्मिक आस्थाओं से खिलवाड़ करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। मंदिर प्रशासन को इस तरह की घटनाओं से मंदिर की पवित्रता को बनाए रखने के लिए भी सचेत किया गया है।