तिरुपति मंदिर के लड्डू में चर्बी विवाद के बाद हुआ शुद्धिकरण अनुष्ठान.
तिरुपति मंदिर के प्रसिद्ध लड्डू प्रसाद में कथित तौर पर जानवरों की चर्बी मिलाए जाने की खबरों ने पूरे देश में हलचल मचा दी है। इस विवाद के बाद सोमवार को तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) ने शुद्धिकरण अनुष्ठान का आयोजन किया।
तिरुपति मंदिर के प्रसिद्ध लड्डू प्रसाद में कथित तौर पर जानवरों की चर्बी मिलाए जाने की खबरों ने पूरे देश में हलचल मचा दी है। इस विवाद के बाद सोमवार को तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) ने शुद्धिकरण अनुष्ठान का आयोजन किया। यह अनुष्ठान भगवान वेंकटेश्वर स्वामी को प्रसन्न करने और मंदिर की पवित्रता को पुनः स्थापित करने के उद्देश्य से किया गया। तिरुपति मंदिर के पुजारियों और टीटीडी के अधिकारियों ने मिलकर यह आयोजन किया, जिसमें 4 घंटे तक शांति होमम और पंचगव्य प्रोक्षण किया गया।
तिरुपति मंदिर के प्रसिद्ध लड्डू, जो भक्तों में अत्यधिक लोकप्रिय हैं, में जानवरों की चर्बी मिलाने की खबर ने धार्मिक आस्थाओं को झकझोर दिया है। यह विवाद तब और गहराया जब आरोप लगाए गए कि पूर्व की वाईएसआर कांग्रेस पार्टी सरकार के दौरान लड्डू प्रसाद में इस्तेमाल होने वाले घी की खरीद प्रक्रिया में बदलाव किए गए थे। इसके परिणामस्वरूप, तिरुपति देवस्थानम पर प्रसाद की शुद्धता से खिलवाड़ करने का आरोप लगाया गया, जिसने सियासी हलचल को जन्म दिया।
खबर भी पढ़ें : दिल्ली की नई मुख्यमंत्री आतिशी का बड़ा फैसला, केजरीवाल के लिए खाली रखी मुख्यमंत्री की कुर्सी, भाजपा ने उठाए सवाल.
सोमवार को सुबह 6 बजे से 10 बजे तक मंदिर में शुद्धिकरण अनुष्ठान किया गया। इस अनुष्ठान को “शांति होमम पंचगव्य प्रोक्षण” नाम दिया गया, जिसका उद्देश्य भगवान वेंकटेश्वर स्वामी को प्रसन्न करना और प्रसाद में कथित रूप से हुए अपवित्रता को दूर करना था। मंत्रोच्चार के साथ भगवान से माफी मांगी गई और यह सुनिश्चित किया गया कि भविष्य में किसी भी बाहरी स्रोत से प्रसाद को भगवान पर अर्पित नहीं किया जाएगा। यह आयोजन धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं को ध्यान में रखते हुए किया गया, ताकि भगवान की कृपा और भक्तों की आस्था को पुनः स्थापित किया जा सके।
खबर भी पढ़ें : हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024, कांग्रेस की सरकार बनाने का दावा और नए समीकरण
तिरुपति लड्डू विवाद के बीच, आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने वाईएसआर कांग्रेस पार्टी की पूर्ववर्ती सरकार पर मंदिर की पवित्रता भंग करने का आरोप लगाया। नायडू ने कहा कि जगन मोहन रेड्डी सरकार के दौरान मंदिर की घी खरीद प्रक्रिया में बदलाव किए गए थे, जिससे लड्डू प्रसाद में चर्बी मिलाने जैसी घटनाएं हुईं। उन्होंने कहा कि इस विवाद से लाखों श्रद्धालुओं की भावनाएं आहत हुई हैं, और इस पर गंभीर कदम उठाए जाने की आवश्यकता है। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए चंद्रबाबू नायडू ने एसआईटी (स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम) का गठन करने की घोषणा की है। एसआईटी का मुख्य उद्देश्य यह जांच करना होगा कि प्रसाद में चर्बी मिलाने के आरोप कितने सत्य हैं और इसके पीछे कौन जिम्मेदार है। तिरुपति लड्डू विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी एक याचिका दाखिल की गई है। इस याचिका में मंदिर की पवित्रता और धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की गई है।