इजरायल के पेजर हमले को सेना प्रमुख ने बताया मास्टरस्ट्रोक, भारत को रहना होगा सतर्क.
17 सितंबर को इजरायल द्वारा लेबनान में किए गए पेजर हमलों ने पूरी दुनिया को चौंका दिया। इस हमले में इजरायल ने एक साथ 5000 पेजरों का उपयोग किया, जिससे भारी तबाही हुई। रिपोर्ट के अनुसार, इस हमले में लगभग 4000 लोग घायल हुए, जबकि हिजबुल्लाह के करीब 1500 लड़ाकों ने अपने हाथ या आंखें गंवाईं।
17 सितंबर को इजरायल द्वारा लेबनान में किए गए पेजर हमलों ने पूरी दुनिया को चौंका दिया। इस हमले में इजरायल ने एक साथ 5000 पेजरों का उपयोग किया, जिससे भारी तबाही हुई। रिपोर्ट के अनुसार, इस हमले में लगभग 4000 लोग घायल हुए, जबकि हिजबुल्लाह के करीब 1500 लड़ाकों ने अपने हाथ या आंखें गंवाईं। इजरायल की इस अनोखी रणनीति ने कई देशों को सतर्क कर दिया है, और भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने इस हमले को एक “मास्टरस्ट्रोक” कहा है। सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने मंगलवार को इजरायल के पेजर हमले से जुड़े एक सवाल का जवाब देते हुए इस पूरी रणनीति की तारीफ की। उन्होंने बताया कि जिस पेजर की मदद से यह हमला किया गया, वह ताइवान की एक कंपनी द्वारा बनाया गया था। बाद में हंगरी की एक कंपनी ने इसका ब्रांड नाम उपयोग कर इन पेजरों की आपूर्ति हिजबुल्लाह को कर दी।
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इजरायल ने इसी सप्लाई चैन की कमजोरी का फायदा उठाकर हिजबुल्लाह के लड़ाकों को ही उनके अपने पेजरों से निशाना बना दिया। यह योजना अत्यंत ही गुप्त और लंबे समय से तैयार की जा रही थी। जनरल द्विवेदी ने कहा, “युद्ध की शुरुआत केवल लड़ाई वाले दिन से नहीं होती, बल्कि तब होती है जब योजना बनाना शुरू किया जाता है।” यह इजरायल की कई वर्षों की तैयारी का परिणाम था, जिसने उन्हें इतनी बड़ी कामयाबी दिलाई। इस पेजर हमले ने हिजबुल्लाह के लड़ाकों के बीच भयंकर नुकसान किया। इजरायल की तकनीक ने लड़ाई के मैदान में पारंपरिक हथियारों की जगह अत्याधुनिक और अप्रत्याशित उपकरणों का उपयोग किया। इस हमले के दौरान, हिजबुल्लाह के करीब 1500 लड़ाके घायल हुए, जिनमें से कई ने अपने हाथ-पैर या आंखें खो दीं।
पेजरों का यह हमला इसलिए भी अनोखा था क्योंकि यह बिल्कुल अप्रत्याशित था और इसने दुश्मन की संचार प्रणाली को ध्वस्त कर दिया। इजरायल ने इस तकनीक का प्रभावी ढंग से उपयोग कर हिजबुल्लाह की संचार प्रणाली को ठप कर दिया, जिससे उनके लड़ाकों की गतिविधियों पर असर पड़ा। इजरायल के इस हमले से भारतीय सेना को सतर्क रहने और अपनी सुरक्षा नीतियों में सुधार करने की जरूरत है। जब जनरल द्विवेदी से पूछा गया कि भारत ऐसी स्थितियों से कैसे निपट सकता है, तो उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि सप्लाई चैन में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा, “हमें सप्लाई चैन की सुरक्षा पर गहन ध्यान देना होगा। केवल तकनीकी नहीं, बल्कि मैनुअल स्तर पर भी सख्त जांच की जानी चाहिए।”
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इसके अलावा, उन्होंने कहा कि भारत को यह सुनिश्चित करना होगा कि किसी भी उपकरण या तकनीकी डिवाइस की आपूर्ति चैन की जांच पूरी तरह से की जाए ताकि ऐसी किसी भी घटना से बचा जा सके। जनरल द्विवेदी ने कहा कि यह घटना एक सीख है कि आधुनिक युद्धों में केवल परंपरागत युद्धक हथियार ही नहीं बल्कि डिजिटल और तकनीकी उपकरण भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। भारत, जो पहले से ही कई आतंकवादी और सीमा पार से होने वाले खतरों से जूझ रहा है, को इजरायल के इस पेजर हमले से सीखने की जरूरत है। यह हमला यह दिखाता है कि आज की युद्ध प्रणाली में साइबर हमले, संचार प्रणाली में हस्तक्षेप और तकनीकी उपकरणों का इस्तेमाल कितना महत्वपूर्ण हो गया है। भारत को अपने सिस्टम को मजबूत बनाने और भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार रहना होगा।
इजरायल का यह पेजर हमला भारत के लिए एक चेतावनी के रूप में देखा जा सकता है। जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने इसे “मास्टरस्ट्रोक” कहकर इजरायल की योजना की प्रशंसा की, लेकिन साथ ही उन्होंने भारत को सावधान रहने और अपनी सुरक्षा नीतियों को मजबूत करने की सलाह दी है।