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पीएम मोदी के लिए मंदिर बनाने वाले बीजेपी कार्यकर्ता ने दिया इस्तीफा, संगठन पर लगाए गंभीर आरोप.

महाराष्ट्र के पुणे जिले में राजनीतिक गलियारों में हलचल मचाने वाली एक बड़ी घटना सामने आई है। श्री नमो फाउंडेशन के मयूर मुंडे, जिन्होंने 2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मंदिर बनवाकर सुर्खियां बटोरी थी, अब भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।

महाराष्ट्र के पुणे जिले में राजनीतिक गलियारों में हलचल मचाने वाली एक बड़ी घटना सामने आई है। श्री नमो फाउंडेशन के मयूर मुंडे, जिन्होंने 2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मंदिर बनवाकर सुर्खियां बटोरी थी, अब भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। मुंडे ने आरोप लगाया है कि बीजेपी में पुराने वफादार कार्यकर्ताओं की अनदेखी हो रही है और दूसरी पार्टी से आए हुए लोगों को अधिक महत्व दिया जा रहा है।

मयूर मुंडे का नाम पुणे के राजनीतिक हलकों में तब उभर कर आया जब उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी का एक मंदिर बनवाया। इस कदम ने उन्हें पीएम मोदी के कट्टर समर्थकों में एक खास पहचान दिलाई। लेकिन अब उन्होंने बीजेपी से इस्तीफा देने के बाद पार्टी के आंतरिक मामलों को लेकर अपनी नाराजगी खुलकर व्यक्त की है। मुंडे ने कहा, “मैंने कई सालों तक पार्टी के लिए निष्ठा से काम किया है, विभिन्न पदों पर रहते हुए मैंने ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया। लेकिन अब पार्टी वफादार कार्यकर्ताओं की अनदेखी कर रही है और दूसरी पार्टी से आए लोगों को प्रमुख पद दिए जा रहे हैं।”

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मुंडे का कहना है कि पार्टी के वरिष्ठ नेता और मौजूदा विधायक, खासकर शिवाजीनगर से विधायक सिद्धार्थ शिरोले, पुराने कार्यकर्ताओं की राय को नजरअंदाज कर रहे हैं। मुंडे ने उन पर आरोप लगाया है कि वे पार्टी के वफादार कार्यकर्ताओं को विकास परियोजनाओं और अन्य गतिविधियों से दूर रख रहे हैं। मुंडे ने अपनी नाराजगी जताते हुए कहा कि पार्टी की पुणे इकाई में कोथरुड और खडकवासला के मौजूदा विधायकों पर उम्मीदवार चुनने की प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने के आरोप लगाए जा रहे हैं। उनका कहना है कि ये विधायक केवल उन कार्यकर्ताओं के क्षेत्रों में विकास निधि खर्च कर रहे हैं, जो दूसरी पार्टियों से आकर बीजेपी में शामिल हुए हैं। पार्टी के पुराने और वफादार कार्यकर्ताओं को कोई महत्व नहीं दिया जा रहा है।

मुंडे का यह भी आरोप है कि विधायक शिरोले ने पिछले पांच सालों में शिवाजीनगर विधानसभा क्षेत्र में कोई उल्लेखनीय विकास कार्य नहीं किया। उन्होंने कहा कि विधायक को परियोजनाओं के लिए धन मिला था, लेकिन उसे लागू करने में वे असफल रहे। मुंडे ने अपने इस्तीफे की घोषणा करते हुए कहा, “मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कट्टर समर्थक हूं और उनके लिए काम करता रहूंगा, लेकिन पार्टी में मेरे जैसे कार्यकर्ताओं के लिए अब कोई जगह नहीं बची है। इसलिए मैंने बीजेपी की प्राथमिक सदस्यता और सभी पदों से इस्तीफा देने का फैसला किया है।”

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मुंडे के इस्तीफे से पहले बीजेपी की पुणे इकाई में अंदरूनी मतभेद सामने आ चुके थे। आगामी विधानसभा चुनावों से पहले इन मतभेदों ने पार्टी के भीतर असंतोष को और बढ़ा दिया है।

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