बीजेपी ने की उत्तर प्रदेश में उपचुनाव की तारीख बढ़ाने की मांग, कार्तिक पूर्णिमा के स्नान पर्व को बताया कारण.
उत्तर प्रदेश में 13 नवंबर को होने वाले विधानसभा उपचुनाव की तारीखों को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने चुनाव आयोग से विशेष मांग की है। बीजेपी ने प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को पत्र लिखते हुए उपचुनाव की तारीख को आगे बढ़ाने का अनुरोध किया है।
उत्तर प्रदेश में 13 नवंबर को होने वाले विधानसभा उपचुनाव की तारीखों को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने चुनाव आयोग से विशेष मांग की है। बीजेपी ने प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को पत्र लिखते हुए उपचुनाव की तारीख को आगे बढ़ाने का अनुरोध किया है। इसके पीछे मुख्य कारण 15 नवंबर को पड़ने वाला कार्तिक पूर्णिमा स्नान पर्व बताया गया है। बीजेपी के पत्र के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा का उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है। इस पर्व पर बड़ी संख्या में लोग धार्मिक स्थलों पर स्नान और पूजा के लिए जाते हैं। पार्टी का कहना है कि मतदाता स्नान पर्व में भाग लेने के लिए 2-3 दिन पहले से ही यात्रा पर निकल जाएंगे, जिससे मतदान में बाधा उत्पन्न हो सकती है और बड़ी संख्या में मतदाता वोट नहीं दे पाएंगे।
गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश की नौ विधानसभा सीटों के उपचुनाव की तारीखों का ऐलान किया था। इसके मुताबिक, 18 नवंबर से नामांकन की प्रक्रिया शुरू होगी और 13 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। परिणाम 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। बीजेपी ने इसी कार्यक्रम पर आपत्ति जताते हुए मतदान की तारीख को पुनर्विचार करने की मांग की है ताकि कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर भाग लेने वाले मतदाताओं को असुविधा न हो।
इन नौ विधानसभा सीटों में मैनपुरी की करहल, अलीगढ़ की खैर, बिजनौर की मीरापुर, प्रयागराज की फूलपुर, गाजियाबाद की गाजियाबाद, मिर्जापुर की मझवां, अंबेडकरनगर की कटेहरी, संभल की कुंदरकी और कानपुर की सीसामऊ सीटें शामिल हैं। ये सभी सीटें किसी न किसी कारण से खाली हुई हैं, जिन पर उपचुनाव होना है।
बीजेपी का तर्क है कि चूंकि कार्तिक पूर्णिमा का पर्व उत्तर प्रदेश में महत्वपूर्ण धार्मिक अवसरों में से एक है, इसलिए मतदान की तारीख में बदलाव करना आवश्यक है ताकि अधिकतम संख्या में मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें। अब देखना यह है कि चुनाव आयोग इस मांग पर क्या निर्णय लेता है।
By Neelam Singh.