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जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने पर उमर अब्दुल्ला ने अमित शाह से की मुलाकात, 30 मिनट की बैठक में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर हुई चर्चा.

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। इस बैठक के दौरान उन्होंने जम्मू-कश्मीर के मौजूदा सुरक्षा हालात और विकासात्मक योजनाओं पर चर्चा की।

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। इस बैठक के दौरान उन्होंने जम्मू-कश्मीर के मौजूदा सुरक्षा हालात और विकासात्मक योजनाओं पर चर्चा की। उमर अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार से जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा पुनः बहाल करने की मांग करते हुए प्रदेश कैबिनेट द्वारा पारित प्रस्ताव से भी अमित शाह को अवगत कराया। इस बैठक की अवधि लगभग 30 मिनट रही, जिसमें जम्मू-कश्मीर के महत्वपूर्ण मुद्दों पर गहन चर्चा हुई। उमर अब्दुल्ला ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली है। उनकी सरकार बनने के बाद यह उनकी पहली आधिकारिक दिल्ली यात्रा है। इस बैठक में उमर अब्दुल्ला ने गृह मंत्री के समक्ष जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने के प्रदेश कैबिनेट के प्रस्ताव का जिक्र किया। यह प्रस्ताव जम्मू-कश्मीर की विधानसभा द्वारा हाल ही में पारित किया गया था, जिसमें केंद्र सरकार से अनुरोध किया गया है कि जम्मू-कश्मीर को पुनः राज्य का दर्जा दिया जाए।

गौरतलब है कि इस प्रस्ताव पर प्रदेश के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा पहले ही अपनी स्वीकृति दे चुके हैं। अब उमर अब्दुल्ला को इस प्रस्ताव को लेकर केंद्र सरकार के साथ चर्चा करने के लिए अधिकृत किया गया है। उमर ने कहा कि जम्मू-कश्मीर की जनता को उम्मीद है कि केंद्र सरकार राज्य के दर्जे की बहाली के वादे को जल्द पूरा करेगी। बैठक के दौरान उमर अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर में चल रही विकासात्मक योजनाओं और परियोजनाओं की स्थिति पर भी चर्चा की। उन्होंने गृह मंत्री से आग्रह किया कि केंद्र सरकार इन परियोजनाओं के लिए नियमित रूप से धनराशि प्रदान करती रहे, ताकि जम्मू-कश्मीर में बुनियादी ढांचे का विकास सुचारू रूप से हो सके। इसके अलावा, उन्होंने सर्दियों के दौरान कश्मीर घाटी में बिजली आपूर्ति को सुनिश्चित करने के लिए केंद्र से सहयोग की मांग की।

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उमर ने जम्मू-कश्मीर के रेल संपर्क की भी चर्चा की, जिसमें श्रीनगर-बनिहाल-कटरा-जम्मू-दिल्ली रेल लाइन को जल्द बहाल करने की आवश्यकता जताई। इसके साथ ही, उन्होंने जैड मोड़ सुरंग परियोजना के उद्घाटन संबंधी मुद्दों को भी अमित शाह के समक्ष रखा। मुलाकात के बाद उमर अब्दुल्ला ने मीडिया से बातचीत में कहा कि यह केवल एक शिष्टाचार भेंट थी, जिसमें राज्य के दर्जे पर भी चर्चा हुई। हालांकि, उन्होंने यह साफ किया कि यह कोई औपचारिक राजनीतिक बैठक नहीं थी, बल्कि यह मुलाकात सरकार और जनता के हितों से संबंधित मुद्दों को सामने रखने के लिए थी। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि वह गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भी मुलाकात कर सकते हैं और राज्य के दर्जे पर उनसे भी चर्चा करेंगे।

बैठक में जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा स्थिति पर भी चर्चा की गई। हाल ही में गांदरबल के गगनगीर क्षेत्र में हुए आतंकी हमले में सात लोगों की जान चली गई थी, जिसमें एक डॉक्टर भी शामिल थे। उमर अब्दुल्ला ने इस हमले की निंदा करते हुए गृह मंत्री से इस तरह की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए और मजबूत सुरक्षा इंतजाम करने की मांग की। यह महत्वपूर्ण है कि जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन के बाद से पुलिस और आंतरिक सुरक्षा के मुद्दे गृह मंत्रालय के अधीन आते हैं, और ऐसे में इस बैठक में सुरक्षा के मुद्दों पर चर्चा होना अपेक्षित था।

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बैठक के दौरान उमर अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार से जम्मू-कश्मीर में विकास और सुरक्षा के लिए निरंतर सहयोग की अपील की। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर की जनता को राज्य का दर्जा बहाल होने की उम्मीद है, ताकि वहां का प्रशासनिक ढांचा फिर से सशक्त हो सके और विकास की गति तेज हो सके। उल्लेखनीय है कि हाल ही में जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव संपन्न हुए थे, जिसमें नेकां और कांग्रेस गठबंधन ने बहुमत हासिल किया था। गठबंधन की जीत के बाद उमर अब्दुल्ला ने मुख्यमंत्री के रूप में पदभार संभाला था। उनकी सरकार की पहली मंत्रिमंडल बैठक में ही जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा देने का प्रस्ताव पास किया गया था।

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि उमर अब्दुल्ला और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच होने वाली मुलाकात में क्या निर्णय लिए जाते हैं। जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने का मुद्दा राजनीतिक और जनभावनाओं के स्तर पर अत्यंत महत्वपूर्ण बन चुका है, और इसका समाधान जल्द होना प्रदेश की जनता के लिए एक बड़ी राहत हो सकता है।

By Neelam Singh.

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