उत्तर प्रदेश में उपचुनावों की तैयारी जोरों पर है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने आगामी उपचुनावों के लिए अपने उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है। राज्य में कुल 9 सीटों पर 13 नवंबर को मतदान होगा, जिसके परिणाम 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। इन उपचुनावों के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 25 अक्टूबर तय की गई है, जबकि नाम वापस लेने की आखिरी तिथि 30 अक्टूबर है।
बीजेपी की ओर से प्रत्याशियों की घोषणा
बीजेपी ने 24 अक्टूबर को अपने सात प्रत्याशियों की सूची जारी की। पार्टी ने गाजियाबाद सीट से संजीव शर्मा को उम्मीदवार बनाया है, जबकि कुंदरकी सीट पर रामवीर सिंह ठाकुर को मौका दिया गया है। अन्य प्रत्याशियों में करहल से अनुजेश यादव, खैर (अजा) से सुरेंद्र दिलेर, कटेहरी से धर्मराज निषाद, फूलपुर से दीपक पटेल, और मझवां से सुचिस्मिता मौर्या का नाम शामिल है। पार्टी ने इन सभी प्रत्याशियों पर भरोसा जताते हुए उपचुनाव में जीत का लक्ष्य तय किया है।
समाजवादी पार्टी (सपा) की ओर से प्रत्याशी घोषित
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सपा ने बीजेपी से पहले ही अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी थी। पार्टी ने 6 उम्मीदवारों के नामों की सूची जारी की थी, जिसमें मिल्कीपुर सीट से अजीत प्रसाद को टिकट दिया गया था। अजीत प्रसाद सपा सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे हैं, और यह सीट उनके सांसद बनने के बाद रिक्त हुई थी। हालांकि, चुनाव आयोग ने फिलहाल मिल्कीपुर सीट पर चुनाव की तारीखों की घोषणा नहीं की है। इस कारण वर्तमान उपचुनाव में यह सीट शामिल नहीं है।
उपचुनाव की तिथियां और मतदान प्रक्रिया
उत्तर प्रदेश में कुल 10 सीटों पर उपचुनाव होने थे, लेकिन चुनाव आयोग ने फिलहाल 9 सीटों पर उपचुनाव कराने का निर्णय लिया है। इन 9 सीटों में शामिल सीटें इस प्रकार हैं:
1.करहल (मैनपुरी)
2.सीसामऊ (कानपुर)
3.कटेहरी (अंबेडकरनगर)
4.कुंदरकी (मुरादाबाद)
5.खैर (अलीगढ़)
6.गाजियाबाद
7.फूलपुर (प्रयागराज)
8.मंझवा (मीरजापुर)
9.मीरापुर (मुजफ्फरनगर)
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इन उपचुनावों के लिए नामांकन प्रक्रिया 25 अक्टूबर तक जारी रहेगी। 13 नवंबर को इन सीटों पर मतदान होगा, जिसके बाद 23 नवंबर को परिणाम घोषित किए जाएंगे। उम्मीदवारों के पास नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 30 अक्टूबर है। उत्तर प्रदेश में इन उपचुनावों का महत्व राजनीतिक दृष्टिकोण से काफी अहम है। यह चुनाव आगामी 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले एक महत्वपूर्ण संकेत माना जा रहा है। राज्य में विभिन्न राजनीतिक दलों के लिए यह उपचुनाव एक परीक्षा के समान है, क्योंकि इनके परिणाम आने वाले आम चुनावों की रणनीतियों को प्रभावित कर सकते हैं। बीजेपी और सपा के अलावा अन्य दलों की भी नजरें इन उपचुनावों पर टिकी हुई हैं। उपचुनावों का परिणाम बतलाएगा कि राज्य की जनता किस दिशा में जा रही है और कौन सी पार्टी जनता के मुद्दों पर खरी उतर रही है।
https://youtu.be/3h3nXKrOdPg?si=NAlpJk7f57cvT_xv
By Neelam Singh.