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राष्ट्रीय शिक्षा नीति(NEP)-2020 के 3 साल पूरे होने के अवसर पर अखिल भारतीय शिक्षा सम्मेलन का उद्घाटन करने प्रगति मैदान के भारत मंडपम पहुंचे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

आज के इस सम्मेलन मे  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'पीएम श्री योजना' के तहत स्कूलों के लिए धनराशि की पहली किस्त जारी की ।सभा को सम्बोधित करते हुए  केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि 2014 से देश में शिक्षा नीति को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दृष्टिकोण मार्गदर्शन और प्रेरणा देने का रहा है.

नइ शिक्षा निती को लागु हुए आज तिन साल पुरे हो गए ,जिसके उपलक्ष्य में केन्द्र सरकार के द्वारा अखिल भारतीय शिक्षा सम्मेलन का आयोजन दिल्ली के प्रगति मैदान के भारत मंडपम में  हुआ जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के 3 साल पूरे होने के अवसर पर अखिल भारतीय शिक्षा सम्मेलन का उद्घाटन करने प्रगति मैदान के भारत मंडपम पहुंचे.

 

आज के इस सम्मेलन मे  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘पीएम श्री योजना’ के तहत स्कूलों के लिए धनराशि की पहली किस्त जारी की . “पीएम श्री” योजना के तहत केंद्र सरकार और  राज्य सरकारों के साथ-साथ स्थानीय निकायों द्वारा प्रबंधित स्कूलों में से मौजूदा स्कूलों को मजबूत करते हुए 14,500 से अधिक पीएम श्री स्कूलों की स्थापना का प्रावधान है. नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार का कहना है कि ये स्कूल छात्रों को इस तरह से पोषित करेंगे कि वे राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 द्वारा परिकल्पित न्यायसंगत, समावेशी और बहुलवादी समाज के निर्माण के लिए योगदान देने वाले नागरिक बन सकेंगे.आज के इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा 12 भारतीय भाषाओं में अनूदित शिक्षा और कौशल पाठ्यक्रम की पुस्तकों का विमोचन भी किया गया.

 

सभा को सम्बोधित करते हुए  केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि 2014 से देश में शिक्षा नीति को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दृष्टिकोण मार्गदर्शन और प्रेरणा देने का रहा है. वहीँ अखिल भारतीय शिक्षा सम्मेलन मे उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि “शिक्षा ही है जो देश का भाग्य बदलने की ताकत रखती है। देश जिस लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ रहा है उसमें शिक्षा की अहम भूमिका है. आप इसके प्रतिनिधि हैं. अखिल भारतीय शिक्षा समागम का हिस्सा बनना मेरे लिए भी एक महत्वपूर्ण अवसर है.”

 

राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 पर बोलते हुए पिएम ने कहा कि “NEP ने पारंपरिक ज्ञान प्रणाली से लेकर भविष्य की तकनीक तक को संतुलित तरीके से महत्व दिया है. रिसर्च इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए देश के शिक्षा जगत के सभी महानुभावों ने बहुत मेहनत की है. हमारे छात्र नई व्यवस्थाओं से भली-भांति परिचित हैं, वे जानते हैं कि 10+2 शिक्षा प्रणाली की जगह अब 5+3+3+4 लाई जा रही है.”

 

अपने कार्यकाल की उपल्बधियों को गिनाते हुए पिएम मोदी ने कहा कि “ काशी के रुद्राक्ष से लेकर आधुनिक भारत के इस मंडप तक अखिल भारतीय शिक्षा समागम की यात्रा अपने आप में एक संदेश समेटे हुए है। यह प्राचीनता और आधुनिकता का संगम है। हमारी शिक्षा प्रणाली भारत की परंपराओं को संरक्षित कर रही है, वहीं देश आधुनिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी में भी आगे बढ़ रहा है.”

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