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PM मोदी को लोकमान्य तिलक नेशनल अवार्ड, स्टेज पर शरद पवार भी मौजूद रहे

1983 में तिलक स्मारक मंदिर ट्रस्ट ने लोकमान्य तिलक की विरासत का सम्मान करने के लिए इस पुरस्कार की शुरुआत की। प्रधानमंत्री मोदी इस पुरस्कार से सम्मानित होने वाले 41वें व्यक्ति हैं।

आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महाराष्ट्र के पुणे में हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने पुणे पहुंचकर दगडूशेठ हलवाई गणेश मंदिर में पूजा की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके बाद एनसीपी नेता शरद पवार से मंच साझा किया। प्रधानमंत्री मोदी इस दौरान लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित हुए। PM मोदी ने इस अवसर पर कहा कि ये सम्मान मिलना एक अनूठा अनुभव है। सम्मान के साथ उत्तरदायित्व भी आता है। लोकमान् य तिलक ने भारत की आजादी में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “आज का ये दिन मेरे लिए बहुत अहम है। यहां आकर मैं उतना ही भावुक हूँ। आज भारत के गौरव और हम सबके आदर्श बाल गंगाधर तिलक जी की पुण्यतिथि है। साथ ही आज अन्ना भाऊ साठे की जयंती है। न सिर्फ लोकमान्य तिलक जी ने हमारे स्वतंत्रता के इतिहास में जो योगदान दिया, बल्कि अन्ना भाऊ ने भी समाज सुधार में जो योगदान दिया, वह अविश्वसनीय है। इन दोनों महापुरुषों को मैं श्रद्धापूर्वक नमन करता हूँ। ये जगह छत्रपति शिवाजी महाराज की है। ये जगह चाफेकर बंधुओं के लिए पवित्र है। ज्योतिबा फुले और सावित्री बाई फुले की प्रेरणाएं और आदर्श इस धरती से जुड़े हुए हैं। मेरे लिए सौभाग्य की बात है कि एक संस्था, जो तिलक जी से सीधे जुड़ा हुआ है, मेरे लिए लोकमान्य तिलक नेशनल अवार्ड देती है। इस सम्मान के लिए मैं हिंद स्वराज्य संघ और आप सभी का दिल से आभार व्यक्त करता हूँ।”

 

PM मोदी ने कहा, “हमें जब कोई अवार्ड मिलता है, तो उसके साथ ही हमारी जिम्मेदारी भी बढ़ती है। और दायित्वबोध और भी कई गुना बढ़ जाता है जब तिलक जी का नाम पुरस्कार में शामिल होता है। 140 करोड़ देशवासियों को मैं लोकमान्य तिलक नेशनल अवॉर्ड देता हूँ। तिलक जी ने भी अंग्रेजों को गलत बताया कि भारत की आस्था, संस्कृति और मान्यताएं पिछड़ेपन का प्रतीक हैं। भारत की जनता ने इसलिए तिलक जी को लोकमान्यता दी और लोकमान्य का खिताब भी दिया। यही कारण है कि महात्मा गांधी ने उन्हें वर्तमान भारत का निर्माता भी बताया।”

 

1983 में तिलक स्मारक मंदिर ट्रस्ट ने लोकमान्य तिलक की विरासत का सम्मान करने के लिए इस पुरस्कार की शुरुआत की। यह पुरस्कार उन लोगों को दिया जाता है, जिन्होंने देश की प्रगति और विकास के लिए काम किया है और जिनके योगदान को महत्वपूर्ण और अद्वितीय माना जाता है। यह पुरस्कार एक अगस्त, लोकमान्य तिलक की पुण्यतिथि पर हर साल दिया जाता है।

 

प्रधानमंत्री मोदी इस पुरस्कार से सम्मानित होने वाले 41वें व्यक्ति हैं। यह पुरस्कार पहले पूर्व राष्ट्रपति डॉ. शंकर दयाल शर्मा और प्रणब मुखर्जी, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, इंदिरा गांधी और मनमोहन सिंह, प्रसिद्ध व्यवसायी एन आर नारायणमूर्ति और “मेट्रो मैन” ई श्रीधरन को दिया गया था।

Brajesh Kumar

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