जया वर्मा सिन्हा: 166 साल में भारत की रेलवे बोर्ड की पहली महिला सीईओ बनीं
रेलवे के 166 साल पुराने इतिहास में बोर्ड का नेतृत्व करने वाली पहली महिला हैं जाया वर्मा। भारतीय रेलवे ने गुरुवार को जया वर्मा सिन्हा को 31 अगस्त, 2024 तक के कार्यकाल के लिए रेलवे बोर्ड का नया अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी नियुक्त किया है।
भारतीय रेलवे के इतिहास में पहली बार किसी महिला ने बोर्ड के अध्यक्ष और सीइओ के रूप में कार्यभार संभाला है.जया वर्मा सिन्हा (आईआरएमएस) ने रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और सीईओ के रूप में कार्यभार संभाला है. रेलवे के 166 साल पुराने इतिहास में बोर्ड का नेतृत्व करने वाली पहली महिला हैं जाया वर्मा। भारतीय रेलवे ने गुरुवार को जया वर्मा सिन्हा को 31 अगस्त, 2024 तक के कार्यकाल के लिए रेलवे बोर्ड का नया अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी नियुक्त किया है।
भारत सरकार ने जया वर्मा सिन्हा को रेलवे बोर्ड की पहली महिला अध्यक्ष नियुक्त किया, जो रेल मंत्रालय के लिए शीर्ष निर्णय लेने वाली संस्था है जो पहली बार 1905 में अस्तित्व में आया था। प्राप्त जानकारी के अनुसार जया वर्मा 1 सितंबर या उसके बाद पदभार ग्रहण करेंगी और उनका कार्यकाल 31 अगस्त 2024 तक रहेगा| इससे पहले वह संचालन और व्यवसाय विकास की सदस्य थीं। उनके बारे में कहा जाता है की कुछ महीनो पहले घटित हुई दुखद बालासोर दुर्घटना के बाद की स्थिति को संभालने में सबसे आगे थीं, जिसमें 291 लोग मारे गए थे।
कैबिनेट की नियुक्ति समिति (एसीसी) ने जया वर्मा सिन्हा, भारतीय रेलवे प्रबंधन सेवा (आईआरएमएस) सह सदस्य (संचालन और व्यवसाय विकास), रेलवे बोर्ड की अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) के पद पर नियुक्ति को मंजूरी दे दी है। रेलवे बोर्ड ने “एक आदेश में कहा है की सुश्री सिन्हा पहले 1 अक्टूबर को सेवानिवृत्त होने वाली थीं, लेकिन उनका कार्यकाल समाप्त होने तक उन्हें उसी दिन फिर से नियुक्त किया जाएगा। वह अनिल कुमार लाहोटी की जगह लेंगी। जया वर्मा सिन्हा 1988 में भारतीय रेलवे यातायात सेवा में शामिल हुईं और 35 वर्षों की सेवा में उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में सेवा की है।
बता दें की सुश्री सिन्हा पहली बार 1988 में भारतीय रेलवे यातायात सेवा में शामिल हुई उसके बाद उत्तर रेलवे, एसई रेलवे और पूर्वी रेलवे में काम किया। सिन्हा, जो पहले रेलवे बोर्ड में सदस्य (संचालन और व्यवसाय विकास) का पद संभाल चुकी थीं, अब देश के सबसे महत्वपूर्ण परिवहन संस्थानों में से एक का नेतृत्व करने वाली पहली महिला हैं। उन्होंने चार वर्षों तक बांग्लादेश के ढाका स्थित भारतीय उच्चायोग में रेलवे सलाहकार के रूप में भी काम किया है।
उनके ही कार्यकाल में कोलकाता से ढाका तक मैत्री एक्सप्रेस का उद्घाटन किया गया था। उन्होंने पूर्वी रेलवे, सियालदह डिवीजन के मंडल रेल प्रबंधक के रूप में भी काम किया है। सिन्हा हाल ही में तब खबरों में थीं, जब सदस्य (संचालन और व्यवसाय विकास) के रूप में, उन्होंने दुखद बालासोर दुर्घटना के बाद जटिल सिग्नलिंग प्रणाली के बारे में बताया, जिसमें लगभग 300 लोग मारे गए थे। जया वर्मा उस समय रेलवे बोर्ड में एक सदस्य के तौर पर काम कर रही थीं रेलवे बोर्ड में इनकी जिम्मेदारी संचालन और व्यवसाय विकास के रूप में थी|
Brajesh Kumar