अलास्का में 2 हफ्ते का साझा युद्धाभ्यास करेंगी भारतीय सेना और अमरीकी सेना
सोमवार को भारत और अमेरिका की सेनाएं अलास्का में दो सप्ताह का युद्धाभ्यास शुरू करेंगी, जिसमें कई जटिल अभ्यास होंगे। रविवार को अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी। यह बड़ा युद्धाभ्यास वाशिंगटन और नई दिल्ली द्वारा भारत-अमेरिका वैश्विक रणनीतिक साझेदारी के समग्र दायरे का विस्तार करने पर नए सिरे से जोर दिए जाने के बीच हो रहा है।
भारत और अमेरिका की सेनाएं सोमवार से अलास्का में दो हफ्ते का युद्धाभ्यास करेंगी. इस अभ्यास को युद्धाभ्यास 23 कहा जा रहा है. यह युद्धाभ्यास नई-दिल्ली और वाशिंगटन द्वारा भारत और अमेरिका के बीच वैश्विक राजनितिक भागीदारी पर जोर देने के मकसद से इस युद्धाभ्यास आयोजन किया जा रहा है. भारत-अमेरिका द्वारा यह एक वार्षिक अभ्यास है जो संयुक्त रूप से आयोजित किया जाता है. दोनों देशों के बीच यह युद्ध्भ्यास का 19वां संस्करण है. पिछला संस्करण नवम्बर 2022 में उत्तराखंड के औली आयोजित कराया गया था..
भारत की 350 सैनिको की सेना की टुकड़ी अलास्का के फोर्ट वेनराईट पहुँच चुकी है. भारत की तरफ से मराठा लाइट इन्फेंट्री रेजिमेंट बटालियन नेतृत्व का भार संभालेगी. वहीँ, अमेरिका की फर्स्ट कॉम्बैट टीम की 1-24 इन्फेंट्री बटालियन इस युद्धाभ्यास में भाग ले रही है. 19वें संस्करण युद्ध्भायास का थीम पर्वत व् चरम जलवायु परिस्तिथि के हालत में संयुक्त सैनिक समूह की नियोजन रखा गया है.
युद्धाभ्यास 23 में चयनित विषयों पर एक कमांड पोस्ट एक्सरसाइज और एक्सपर्ट अकादमिक चर्चा भी शेड्यूल में रखा गया है. फील्ड ट्रेनिंग एक्सरसाइज के फ्रेमवर्क में ब्रिगेड स्तर पर शत्रुतापूर्ण ताकतों के खिलाफ एकीकृत युद्ध समूहों का सत्यापन, ब्रिगेड व बटालियन स्तर पर एकीकृत निगरानी ग्रिड, हेलिबॉर्न/एयरबोर्न तत्व और फोर्स मल्टीप्लायर की तैनाती, संचालन के दौरान रसद और हताहत प्रबंधन की मान्यता, ऊंचाई वाले क्षेत्रों और चरम जलवायु परिस्थितियों पर लागू होने वाली चिकित्सा सहायता और अन्य पहलुओं का मुकाबला करना शामिल है.
दो हफ्ते के इस अभ्यास में भारत-अमेरिका सेनाएं एक-दुसरे की पद्धतियाँ सीखेंगे. दोनों देशों की सेनाएं अपने विचारों के आदान-प्रदान के साथ और अनुभवों को आपस में साझा करेंगे. इसमें कॉम्बैट इंजीनियरिंग, बाधा निकासी, माइन और इम्प्रूव्ड एक्सप्लोसिव डिवाइसेस वॉरफेयर सहित युद्ध कौशल के व्यापक स्पेक्ट्रम पर अभ्यास में विचारों का आदान-प्रदान भी होगा. भारतीय सेना ने कहा है कि दोनों सेनाओं के बीच संबंधों को और मजबूत करने की सुविधा देगा और दोनों देशों के बीच संबंध मजबूत करेगा. अधिकारीयों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार युद्धाभ्यास 23 में कई जटिल अभ्यास और ड्रिल संभंधित सैन्य- अकादमिक परिचर्चा भी होगी.