उद्घाटन समारोह में राम तो आएंगे लेकिन नहीं आएंगे “मुरली मनोहर जोशी और लालकृष्ण आडवाणी “
इस अवसर पर न केवल प्रधानमंत्री मोदी, बल्कि संघ के मुखिया मोहन भागवत, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल और मंदिर के ट्रस्टी भी उपस्थित होंगे। इसके साथ ही, कई महान व्यक्तित्व भी इस महोत्सव के गवाह बनेंगे।
मानवता के इतिहास में एक महत्त्वपूर्ण पल आने वाला है जब अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन होने वाला है। 22 जनवरी, 2024 को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी अपनी उपस्थिति से समारोह को सम्मानित करेंगे।
प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले, 22 जनवरी को, प्रधानमंत्री मोदी 11 बजे रामजन्मभूमि पर पहुंचेंगे और वहां भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए उपस्थित होंगे।
उद्घाटन के दूसरे दिन, 23 जनवरी से, जनता को भगवान राम के दर्शन का अवसर मिलेगा। प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के साथ आयोजित मंडल पूजा और रामलला के दर्शन का आयोजन २४ जनवरी से होगा। यह समय होगा जब सभी धार्मिक प्राथनाओं के साथ भगवान राम के दर्शन का आनंद उठा सकेंगे। इस शानदार समारोह में उपस्थिति दर्शाने के लिए अयोध्या नगर निगम ने तैयारियों की शुरुआत की है। अयोध्या में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए शौचालय और महिलाओं के लिए बदलते कमरे तैयार किए जा रहे हैं।
इस अवसर पर न केवल प्रधानमंत्री मोदी, बल्कि संघ के मुखिया मोहन भागवत, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल और मंदिर के ट्रस्टी भी उपस्थित होंगे। इसके साथ ही, कई महान व्यक्तित्व भी इस महोत्सव के गवाह बनेंगे। परन्तु ख़बर है की बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में शामिल नहीं होगे है यह ही दोनों ही BJP के वरिष्ठ नेता हैं जो स्वास्थ्य और उम्र संबंधी के कारणों से समारोह में हिस्सा नहीं ले पाएंगे। हालाँकि यह खबर सोचने वाली है क्योंकि दोनों ही नेताओं की बीजेपी की सरकार में एक महत्वपूर्ण भूमिका रही है मंदिर न्यास के परिसर ने सोमवार को दोनों वरिष्ठ नेताओं के संबंध पर यह जानकारी दी।
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प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने की संभावना से बाहर रहने जा रहे वरिष्ठ नेताओं की अनुपस्थिति ने समारोह को थोड़ा सा शिष्ट बना सकता है, लेकिन इससे इस ऐतिहासिक घटना का महत्त्व कम नहीं होता। धार्मिक और सांस्कृतिक महापुरुषों के समारोह में शामिल होने से सभी को बड़ी ऊर्जा और शक्ति मिलती है।
इस समारोह में दलाई लामा, अमिताभ बच्चन, मुकेश अंबानी जैसे व्यक्तियों की उपस्थिति भारतीय समाज की विविधता और एकता को दर्शाती है। यह एक अवसर है जब धार्मिक गुरुओं से लेकर उद्योगपतियों तक सभी मिलकर एक महान उत्सव में शामिल हो रहे हैं।
मंदिर निर्माण के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में अयोध्या की धरती पर एक नया इतिहास रचने की घड़ी नजदीक आ रही है। यह समारोह एक महत्वपूर्ण पहलू है, जो भारतीय समाज के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत को नई ऊँचाइयों तक ले जाने का प्रयास कर रहा है। इस बड़े समारोह की तैयारियों के बीच, खुशियों और उत्साह की लहरें हर तरफ छाई हुई हैं।
साथ ही, राम जन्मभूमि परिसर में राम कथा कुंज गलियारा का निर्माण भी किया जा रहा है। इस गलियारे में भगवान राम के जीवन के प्रमुख प्रसंगों को मूर्तियों के माध्यम से प्रस्तुत किया जाएगा। इस अनोखे समारोह में जोड़ी जा रही हर तरह की परंपराएं और संस्कृति की विविधता भारतीय समाज के साथ ही विश्व को भी दिखाएगी कि हमारी संस्कृति और धार्मिकता में एकता का विश्वास है।
इस ऐतिहासिक क्षण को और भी यादगार बनाने के लिए सभी तरह की सुविधाएं तैयार की जा रही हैं। मेहमानों के ठहरने के लिए विभिन्न स्थानों पर व्यवस्था की गई है। इस समारोह से न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से हमारे देश को एक नया परिचय मिलेगा, बल्कि यह एक महत्त्वपूर्ण संदेश भी देगा कि हम सभी मिलकर एक साथ चल सकते हैं और एकता में शक्ति है।
यह समारोह न केवल धार्मिक अर्थों में महत्त्वपूर्ण है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और ऐतिहासिक विरासत की महत्ता को भी दर्शाता है। इस समारोह से देश के विभिन्न कोनों से आए लोगों को एक साथ लाने की बड़ी प्रयासरतता की जा रही है। इस प्रकार, यह समारोह एक बड़ा माध्यम बन रहा है जो सभी लोगों को एक साथ आने और देश के सांस्कृतिक धरोहर को समझने का अवसर दे रहा है। धार्मिक और सांस्कृतिक अनुभवों की यह महापर्व देश और समाज को नई ऊँचाइयों पर ले जाने का संकल्प लेकर आ रहा है।
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