सांसदों के निलंबन पर विपक्षी नेताओं का जन्तर मंतर पर प्रदर्शन आज
सदन में अनियंत्रित घुसे दो लोगों ने सांसदों को चौंका दिया, जिसके बाद न सिर्फ सदन स्थगित किया गया, बल्कि विपक्षी दलों ने बड़े प्रदर्शन का आयोजन किया।
शीतकालीन सत्र के दौरान संसद में हुई घटनाओं ने सामान्यता से बाहरी रूप से हो जाने वाले आम दिनचर्या को हिला दिया। 13 दिसंबर को, सदन में अनियंत्रित घुसे दो लोगों ने सांसदों को चौंका दिया, जिसके बाद न सिर्फ सदन स्थगित किया गया, बल्कि विपक्षी दलों ने बड़े प्रदर्शन का आयोजन किया।
इसके फलस्वरूप, रिकॉर्ड संख्या में सांसदों को निलंबित कर दिया गया। इस अनिश्चितकालीन परिस्थिति में, देश की राजनीति में शोरगुल की उच्चतम स्तर पर इस्तेमाल हो रहा है। इसी के बीच, विपक्षी दलों की आवाज और सरकारी कदमों पर सवाल उठ रहे हैं। इस संदर्भ में, दिल्ली के जंतर मंतर पर भी बड़ा प्रदर्शन हो रहा है,जिसमें कई बड़े नेता भाग ले रहे हैं।यह सब घटनाएं न केवल संसद की महत्ता को उजागर करती हैं, बल्कि सामाजिक और राजनीतिक मानसिकता में भी बदलाव दिखाती हैं।
क्या है संसद में हो रहा है? यह सवाल आजकल बहुत चर्चा में है। विपक्षी गठबंधन ‘INDIA’ की तरफ से इस विवाद के बारे में अब तक की सबसे बड़ी घटना के बाद, यह तमाम बातों पर ध्यान केंद्रित कर रही है। इस मामले में, संसद के 146 सांसदों को निलंबित कर दिया गया था। यह कार्रवाई क्यों हुई और इसके परिणाम क्या हो सकते हैं, इस पर विचार करना जरूरी है।
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने संसद के मामले पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने साफ़ तौर पर बताया कि सरकार ने संसदीय लोकतंत्र को बर्बाद किया जा रहा है। उनका मानना है कि सरकार संसदीय प्रक्रियाओं को लेकर गंभीरता से नहीं ले रही है, जोकि लोकतंत्र के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इस बयान के बाद, विपक्षी गठबंधन ‘INDIA’ ने प्रदर्शन का फैसला किया। उन्होंने जनता को दिखाने का ऐलान किया कि वे संसद में हो रहे हालात के खिलाफ हैं। वे चाहते हैं कि सरकार उनकी बात सुने और संसद को इस प्रकार चलाए जो लोकतंत्र को मजबूती दे।
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इस घटना का मुद्दा है संसद में हो रही हिंसा और अमर्यादित व्यवहार। संसद के दोनों सदनों में कुल 146 सांसदों को निलंबित कर दिया गया था। यह कदम क्या दिखाता है? क्या संसद में विवादों का हल नहीं हो सकता? इससे पहले भी, संसद में विवाद और हंगामे की घटनाएं हुई हैं। लेकिन इस बार का मामला कुछ अलग दिख रहा है। विपक्षी सांसदों का दावा है कि सरकार ने संसदीय प्रक्रियाओं का मजाक बना रखा है, जो बहुत चिंताजनक है।
विपक्षी गठबंधन ‘INDIA’ के प्रदर्शन की सूचना दी गई है। वे अपने विरोध को उजागर करने के लिए जंतर मंतर पर आने की तैयारी कर रहे हैं। यह उनका संदेश है कि वो संसद में चल रही गतिविधियों के खिलाफ हैं और उन्हें सुना जाना चाहिए। इस घटना के परिणाम क्या हो सकते हैं? यह सवाल बहुत महत्वपूर्ण है। संसद में हो रही तकरारों और विवादों से लोकतंत्र को कितना नुकसान हो सकता है, यह बहुत सोचने वाला मुद्दा है।
संसद में हो रहे इन घटनाओं से यह स्पष्ट होता है कि संसदीय लोकतंत्र में कितनी दिक्कतें हैं। सरकार और विपक्ष दोनों को मिलकर संसद को सुधारना चाहिए, ताकि लोकतंत्र की मज़बूती बनी रहे। आखिर में, संसद एक महत्त्वपूर्ण स्थान है जहाँ लोकतंत्र की प्रक्रियाएं संचालित होती हैं। इसे मजबूत बनाने का हर कदम महत्त्वपूर्ण है ताकि देश की जनता को विश्वास और न्याय का मिले।
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