प्रधानमंत्री मोदी जी द्वारा अयोध्या में 15,700 करोड़ रुपये से अधिक के विकास परियोजनाओं का उद्घाटन
रामलला मंदिर के शिलान्यास पर उन्होंने महत्वपूर्ण बातें साझा कीं। उन्होंने बताया कि वह नहीं भूले है कि कैसे वह अयोध्या के टेंट में रहते हुए रामलला की मूर्ति के लिए बेहद प्रतीक्षा करते थे।
करीब तीन दशकों के इंतजार के बाद, अयोध्या ने एक नई यात्रा की शुरुआत की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस ऐतिहासिक शहर को गौरवान्वित करने के लिए और आगे बढ़ाते हुए, अयोध्या के भव्य उद्घाटन समारोह में भाग लिया। यह न केवल अयोध्या के विकास की बड़ी घटना है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और विरासत के साथ संबंधित भी है।
मोदी जी ने अयोध्या में 15,700 करोड़ रुपये से अधिक के विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया, जो न केवल यहाँ के लोगों के जीवन को समृद्धि के रास्ते खोलेगी , बल्कि भारतीय समाज को भी नये आयाम देगी। उन्होंने यहाँ के विकास को एक संदेश के रूप में पेश किया – विकास और विरासत को संरक्षित रखना।
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रामलला मंदिर के शिलान्यास पर उन्होंने महत्वपूर्ण बातें साझा कीं। उन्होंने बताया कि वह नहीं भूले है कि कैसे वह अयोध्या के टेंट में रहते हुए रामलला की मूर्ति के लिए बेहद प्रतीक्षा करते थे। और आज, वहां न केवल एक मंदिर है, बल्कि देश के गरीबों के लिए भी एक असली घर बना है। वे स्पष्ट करते हैं कि यह नया भारत अपने धार्मिक स्थलों को संवारने के साथ-साथ तकनीकी विकास में भी अग्रणी हो रहा है।
मोदी जी ने 30 दिसंबर को महत्वपूर्ण माना, क्योंकि इसी दिन 1943 में नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने अंडमान में झंडा फहराकर आजादी की चेतना को जगाया था। इस दिन का महत्त्व सिर्फ विकास में नहीं, बल्कि देश की आजादी के इतिहास में भी है। इतिहास के महत्वपूर्ण दिन को याद करते हुए उन्होंने भगवान श्री राम की कुछ प्रतुतियों को भी अपनी कही बातों में शामिल किया।
पीएम मोदी ने यह बताते हुए कहा कि आज का भारत न केवल अपनी विरासत को सम्भाल रहा है, बल्कि उसकी विरासत भी देश को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में मदद कर रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस नए भारत का मार्ग सही और साफ है, जो पुरातन और नया दोनों को समाहित करता है। आज का भारत न तो सिर्फ धार्मिक स्थलों का संवारना कर रहा है, बल्कि उसने केवल केदारनाथ के पुनर्निर्माण में ही नहीं, बल्कि 315 से अधिक नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना की है। इसके साथ हर घर में पानी पहुंचाने के लिए 2 लाख से अधिक टैंक भी बनाए गए हैं।
यह एक नई भारतीय तस्वीर है, जो सिर्फ अपनी धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को सम्भालने के लिए नहीं, बल्कि विज्ञान, तकनीक, और शिक्षा में भी नई ऊंचाइयों को हासिल करने के लिए आगे बढ़ रहा है। इसके साथ, अयोध्या के इस ऐतिहासिक दिन ने नये भारत की यात्रा को नया संदेश और नया दिशा दी है।
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