UPSRTC का नयी पहल ,यूपी की रोडवेज बसों में ध्वनित होगे राम भजन
श्रद्धालुओं को यात्रा के दौरान आध्यात्मिक संगीत का आनंद देना उनका धर्मिक अनुष्ठान और भक्ति को सजीव करने का एक माध्यम होगा
अयोध्या की धरती राम ध्वनि से गूंज रही है। 22 जनवरी को रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के आगमन के अवसर पर, अयोध्या ने अपने आत्मा को नवीनता और भव्यता से सजाया है।
इस पवित्र क्षण को समर्पित करते हुए, उत्तर प्रदेश परिवहन निगम ने बसों में रामधुन बजाने का आदेश दिया है। यह नहीं सिर्फ एक कार्यक्रम की घोषणा है, बल्कि यह धार्मिक अनुष्ठान को मानने और उसका सम्मान करने का एक नया तरीका है।
प्रमुख सचिव ने इस महत्त्वपूर्ण समय में बसों में रामधुन बजाने का निर्णय सुनिश्चित किया है। श्रद्धालुओं को यात्रा के दौरान आध्यात्मिक संगीत का आनंद देना उनका धर्मिक अनुष्ठान और भक्ति को सजीव करने का एक माध्यम होगा। इस महोत्सव के साथ, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का उद्घाटन किया और अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन को जनता को समर्पित किया। इस शहर को महत्त्वपूर्ण ढांचे के साथ समृद्ध करने का एक और कदम है, जो भव्य और नवीनतम ढंग से यात्रियों को स्वागत करेगा।
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UP के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वयं अयोध्या में इस महोत्सव की निगरानी की ज़िम्मेदारी उठायी है। उनके अद्भुत नेतृत्व में, यहां की तैयारियों में विशेष ध्यान दिया जा रहा है। वे अयोध्या के विभिन्न क्षेत्रों में दौरा करके कार्यक्रमों की मॉनिटरिंग कर रहे हैं, ताकि सभी श्रद्धालु इस अवसर का पूरा लाभ उठा सकें।
रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के माध्यम से, अयोध्या ने भगवान राम के प्रति अपनी श्रद्धा को साझा करने का संकल्प लिया है। यह न केवल एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह शहर की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को भी साकार करता है।
इस अद्भुत अवसर पर, यह अनुष्ठान न केवल भारतीय धार्मिकता के प्रति हमारे संकल्प को प्रकट करता है, बल्कि एक साथ आने वाले हर व्यक्ति को एक साझा धार्मिक अनुभव का अवसर भी प्रदान करता है। अयोध्या की भूमि पर हो रही इस अनोखे अवसर के माध्यम से, हम सबको यह अनुभव करने का अवसर मिल रहा है कि कैसे एक शहर ने अपने धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को समृद्ध करने के लिए नवीनता और प्रेरणा का संगम किया है।
रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का आयोजन न केवल भगवान राम के प्रति हमारी श्रद्धा का प्रतीक है, बल्कि यह एक संदेश भी है कि भारतीय समाज अपने धार्मिकता और सांस्कृतिक विरासत को सम्मान देता है और उसे महत्त्व देता है। इस अद्भुत समारोह में, हर कदम एक नए आयाम की ओर बढ़ रहा है, जो भारतीय समाज को उसकी सांस्कृतिक गौरवशाली विरासत की ओर ले जा रहा है। अयोध्या ने भगवान राम के धर्म को मानते हुए अपनी उपलब्धियों का गर्व से समर्थन किया है, जो यहां के नागरिकों के धार्मिक और सांस्कृतिक आधार को मजबूत करेगा।
यह अनोखा अनुष्ठान न केवल एक महत्त्वपूर्ण धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह एक संदेश भी है कि धार्मिकता और सांस्कृतिक विरासत एक समृद्ध समाज का मूल आधार होता है। अयोध्या की इस अनोखी प्रक्रिया ने व्यक्तिगत और सामाजिक संबंधों को एक मंथनीय संदेश दिया है कि धार्मिकता का महत्त्व और समर्पण कैसे एक समृद्ध समाज की नींव हो सकती है।
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