Religious

गर्भगृह में लाई गई मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा से पहले राम मंदिर परिसर में पहुंचे रामलला

रामलला की 200 किलो चांदी की नई मूर्ति को जन्मभूमि मंदिर परिसर में स्थापित किया गया। पहले योजित था कि रामलला की मूर्ति को मंदिर के परिसर में घुमाया जाएगा, लेकिन मूर्ति के भार के कारण इस योजना में बदलाव कर दिया गया

आयोध्या, जहां रामलला की मूर्ति को मंदिर में विराजमान होने का बेसब्री से इंतजार था, वहां 22 जनवरी को राम मंदिर के उद्घाटन और प्रभु श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन हो रहा है। इस महत्वपूर्ण क्षण से पहले, अनगिनत आयोध्यवासियों ने रामलला की मूर्ति का स्वागत करते हुए नगरी को राममय बना दिया है।

बुधवार को, निर्मोही अखाड़ा के महंत दिनेंद्र दास और पुजारी सुनील दास ने राम मंदिर के गर्भगृह में पूजा की, और महिलाओं ने कलश यात्रा निकाली। मथुरा की सांसद हेमा मालिनी ने रामायण पर डांस परफॉर्मेंस से कार्यक्रम को रंगीन बनाया। इसके साथ ही, 17 जनवरी को रामलला की 200 किलो चांदी की नई मूर्ति को जन्मभूमि मंदिर परिसर में स्थापित किया गया। पहले योजित था कि रामलला की मूर्ति को मंदिर के परिसर में घुमाया जाएगा, लेकिन मूर्ति के भार के कारण इस योजना में बदलाव कर दिया गया, और चांदी की मूर्ति को स्थानांतरित करने का निर्णय लिया गया।

 

22 जनवरी को होने वाले रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित 6000 दिग्गज शामिल होंगे, जिनमें 4000 संत भी शामिल हैं। यह उत्कृष्ट अवसर मानवता के लिए सामंजस्यपूर्ण भावनाओं की नई ऊँचाइयों की ओर कदम बढ़ाता है। प्राण प्रतिष्ठा से पहले, बड़े समारोहों और अनुष्ठानों की शुरुआत हो रही है। 16 जनवरी को मंदिर ट्रस्ट और श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने नियुक्त किए गए यजमानों के साथ प्रायश्चित समारोह का आयोजन किया गया।

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17 जनवरी को, 5 साल के रामलला की मूर्ति के साथ एक काफिला अयोध्या पहुंचा, और रामलला की मूर्ति गर्भगृह में स्थापित की गई। 18 जनवरी को, गणेश अंबिका पूजा, वरुण पूजा, मातृका पूजा, ब्राह्मण वरण, और वास्तु पूजा के साथ औपचारिक अनुष्ठान शुरू होंगे। 19 जनवरी को, पवित्र अग्नि जलाई जाएगी, और नवग्रह की स्थापना और हवन किया जाएगा। 20 जनवरी को,  आयोध्या के राम जन्मभूमि मंदिर के गर्भगृह को सरयू जल से धोकर उसकी पवित्रता को बढ़ाया जायगा, जिसके पश्चात  वास्तु शांति और ‘अन्नाधिवास’ अनुष्ठान के कार्यक्रम को शुरू किया जायगा ।

21 जनवरी को, रामलला की मूर्ति को 125 कलशों के जल से स्नान कराया जाएगा। और अंत में, 22 जनवरी की सुबह की पूजा के बाद दोपहर में ‘मृगशिरा नक्षत्र’ में रामलला के मूर्ति का अभिषेक किया जाएगा। यह पूरे सप्ताह तक चलने वाले कार्यक्रम में राजनीतिक और धार्मिक नेताओं का समर्थन है, जो इस ऐतिहासिक क्षण को और भी अद्भुत बनाने का प्रयास कर रहे हैं। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित 6000 दिग्गज शामिल होंगे, जिनमें 4000 संत भी शामिल हैं।

 

 

आयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का  कार्यक्रम ही नहीं, बल्कि यहां कई बड़ी  परियोजनाएं भी चल रही हैं। 30,923 करोड़ रुपये के 200 से ज्यादा परियोजनाएं आयोध्या को नए आयाम में ले जा रही हैं। 37 विभाग इन परियोजनाओं को पूरा करने में जुटे हैं, जिनमें उपनिगमन और विकास बोर्ड, सफाई और पुनर्निर्माण विभाग, सड़क परिवहन और पुल निर्माण विभाग शामिल हैं। यहां के नए आयोजनों में न्यू अयोध्या टाउनशिप डेवलपमेंट शामिल है, जिसमें 1200 एकड़ में हॉटल्स, स्टेट गेस्ट हाउस, और रेसिडेंशियल अपार्टमेंट्स शामिल हैं। साथ ही, सीवेज सिस्टम डेवलपमेंट, वाटर सप्लाई प्रोजेक्ट, नए पावर स्टेशन और अंडरग्राउंड केबलिंग का काम भी तेजी से प्रगट हो रहा है।

 

By Neelam Singh.

 

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