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जननायक कर्पूरी ठाकुर की 100वीं जन्म जयंती पर भारत सरकार ने मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित करने का निर्णय लिया

दिवंगत कर्पूरी ठाकुर अपने सागदीपूर्ण जीवन के कारण  समाज में जननायक के नाम से मशहूर थे।

आज, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री, जननायक कर्पूरी ठाकुर की 100वीं जन्म जयंती है, और देश ने इस महापुरुष को भारत सरकार ने मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित करने का निर्णय लिया है। उनकी स्वतंत्रता संग्राम में भागीदारी से लेकर, उनके सामाजिक-राजनीतिक करियर तक, कर्पूरी ठाकुर ने एक अद्वितीय प्रतिबद्धता और उदार दृष्टिकोण से भारतीय राजनीति को योगदान दिया। दिवंगत कर्पूरी ठाकुर अपने सागदीपूर्ण जीवन के कारण  समाज में जननायक के नाम से मशहूर थे।

 

Former Bihar CM Karpoori Thakur to be awarded Bharat Ratna posthumously

 

बिहार के गांव समस्तीपुर के पितौंझिया गांव में जन्मे, कर्पूरी ठाकुर ने नाई समुदाय के घर से होने के बावजूद अपने जीवन में एक सशक्त नेता बनने का संकल्प किया। उनके मूल से लेकर, उनका यात्रा पूरे देश के समाजवादी नेतृत्व की ओर एक प्रेरणा स्रोत बना। कर्पूरी ठाकुर को ‘सामाजिक न्याय का प्रतीक’ कहा गया है, और इसमें बहुत सत्ता और साहस का अभिवादन है कि एक ऐसे नेता ने कैसे अपने सामाजिक सुधार के लिए संघर्ष किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उन्हें सामाजिक न्याय के प्रतीक के रूप में सम्मानित किया है।

 

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उनका संघर्ष दिल्ली के छात्र जीवन से ही शुरू हो गया था, जब उन्होंने राष्ट्रवादी विचारों से प्रभावित होकर ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन में शामिल हो गए। उनकी राजनीतिक विचारधारा को लोहिया के विचारों से जोड़कर उन्होंने निचली जातियों के सशक्तिकरण के लिए प्रयास किया। 1970 के दशक में बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में, कर्पूरी ठाकुर ने समाज के वंचित वर्गों के लिए अभूतपूर्व कार्य किया। उनकी नेतृत्व में बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू हुई, जिससे समाज में बदलाव आया और लोगों को नई दिशा मिली। उन्होंने शिक्षा में भी कई सुधार किए, जैसे कि फीस में कमी और अंग्रेजी की अनिवार्यता को हटाना।

Former Bihar CM Karpoori Thakur to be conferred Bharat Ratna posthumously |  India News - The Indian Express

कर्पूरी ठाकुर का संघर्ष राजनीतिक धनबल और बाहुबल से भरपूर दौर में भी अद्वितीय था। उनके दौर के सियासी धरोहर के रूप में, उन्होंने आपत्ति और आपत्तिजनक बाहुबल के बावजूद एक ईमानदार और समर्थ मुख्यमंत्री के रूप में अपनी छाप छोड़ी।

कर्पूरी ठाकुर का जीवन एक अद्भुत उदाहरण है कि कैसे सामाजिक समरसता, न्याय और सशक्तिकरण के लिए समर्थ नेता देश को निरंतर प्रेरित कर सकता है। पीएम द्वारा कहा गया, की दलितों के उत्थान के लिए कर्पूरी ठाकुर की  अटूट प्रतिबद्धता और उनके दूरदर्शी नेतृत्व ने भारत के सामाजिक-राजनीतिक ताने-बाने पर एक अमिट छाप छोड़ी है जो उनके व्यक्तित्व को दर्शाती है।

 

By Neelam Singh.

 

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