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ज्योतिरादित्य सिंधिया, ‘मिशन-चंबल’ में कदम बढ़ाते हुए, कांग्रेस को दिया एक और झटका 228 नेताओं को BJP में कराया शामिल

इस बार के लोकसभा चुनाव में उनका बड़ा एलान है, और यह कहा जा रहा है कि गुना-शिवपुरी, ग्वालियर, और मुरैना से एक सीट पर उनकी रणनीति बन रही है।

ज्योतिरादित्य सिंधिया, ‘मिशन-चंबल’ में कदम बढ़ाते हुए, कांग्रेस को एक और झटका देते नजर आ रहे हैं। उन्होंने नहीं केवल कांग्रेस के नेताओं को बीजेपी में शामिल किया है, बल्कि वह ‘मिशन-चंबल’ का हिस्सा बना रहे हैं। इस बार के लोकसभा चुनाव में उनका बड़ा एलान है, और यह कहा जा रहा है कि गुना-शिवपुरी, ग्वालियर, और मुरैना से एक सीट पर उनकी रणनीति बन रही है।

Why Did They Induct...": Minister Jyotiraditya Scindia Responds To  Congress's "Betrayed" Jibe

 

पिछले कुछ दिनों में, कांग्रेस के कई नेता बीजेपी में शामिल हो रहे हैं, और सिंधिया ने मुरैना जिले के 228 कार्यकर्ताओं को बीजेपी में शामिल किया है। इनमें पूर्व विधायक राकेश मावई के समर्थक भी शामिल हैं, जो पहले ही कांग्रेस को छोड़कर बीजेपी में शामिल हो चुके हैं।

 

 

राकेश मावई की अगुवाई में 228 कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ग्वालियर के जलविलास पैलेस पहुंचकर सिंधिया के समक्ष बीजेपी की सदस्यता ले ली है। इसमें मुरैना महिला कांग्रेस की जिलाध्यक्ष संजू शर्मा, अल्पसंख्यक विभाग के शहर अध्यक्ष हसनैन खान, और बानमौर ब्लॉक के सभी मण्डल अध्यक्ष भी शामिल हैं।

Amid Jyotiraditya Scindia- Kailah Vijayvargiya bonhomie, two MP ministers  vent anger on bureaucracy | Bhopal News - The Indian Express

 

ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए यह पहली बार नहीं है जब उन्होंने कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को बीजेपी में शामिल करवाया है। पिछले कुछ दिनों में सिंधिया ने कई नेताओं को बीजेपी में शामिल किया है, जिनमें मुरैना के पूर्व विधायक राकेश मावई, पोहरी के पूर्व जनपद अध्यक्ष प्रधुम्न वर्मा और शिवपुरी के पूर्व जनपद अध्यक्ष पारम सिंह रावत भी शामिल हैं।

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राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा है कि इस बार ज्योतिरादित्य सिंधिया लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं और इसी के साथ ही गुना-शिवपुरी, ग्वालियर, और मुरैना से उनकी पुरानी सीटों की चर्चा तेज है। माना जा रहा है कि अगर सिंधिया लोकसभा चुनाव लड़ते हैं तो उनका नाम इन तीन सीटों से ही आ सकता है।

 

इस विषय पर राजनीतिक जगत में हो रही चर्चाओं के अनुसार, सिंधिया कि उच्च रैली जुलाई में हो सकती है, जिसमें वह अपने कार्यकर्ताओं और समर्थकों के साथ साझा करेंगे कि वह लोकसभा चुनाव में कैसे मजबूती से उतरने के लिए तैयार हैं। इस समय, यह स्पष्ट है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया का रूप पूरी तरह से बदल गया है, और वह एक नए राजनीतिक यात्री की भूमिका में अपने पूर्वाग्रह के रूप में उभर रहे हैं।

 

इस तरह, ज्योतिरादित्य सिंधिया का मिलना और उनके समर्थकों का बीजेपी में शामिल होना एक नया राजनीतिक सागा बन रहा है, जिसमें वह नामचीन सीटों पर अपने प्रतिद्वंद्वीयों के खिलाफ उतर सकते हैं। इसके साथ ही, सिंधिया ने गुना-शिवपुरी, ग्वालियर, और मुरैना से जुड़ी रणनीति बनाने के माध्यम से दिखाया है कि वह निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए सख्ती से काम कर रहे हैं। अब देखने वाली बात यह होगी की  ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा लिए गए इस निर्णय का राजनितिक पहलु क्या निकल के आता है।

 

By Neelam Singh.

 

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