संसद का बजट सत्र आज से शुरू हो रहा है। उससे पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के दोनों सदनों को संबोधित करते हुए मोदी सरकार के 10 साल के कामकाज हिसाब-किताब दिया। इस दौरान उन्होंने कहा, कि बीता वर्ष भारत के लिए ऐतिहासिक उपलब्धियों से भरा रहा। द्रौपदी मुर्मू ने संसद को संबोधित करते हुए कहा, “भारत सरकार ने रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म के अपने कमिटमेंट को लगातार जारी रखा है।” इससे साफ होता है कि सरकार ने देश के विकास के लिए सुशासन और प्रगति के मार्ग पर अपने कदम मजबूती से बढ़ाये है।
नए संसद भवन के बारे में बोलते हुए, राष्ट्रपति ने इसे “भव्य” और “अमृतकाल” की शुरुआत का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा, इस नए संसद भवन में मेरा यह प्रथम सबोधन है। यहां एक भारत श्रेष्ठ भारत की महक भी को भी दिखाता है। जिसमें भारत की सभ्यता और संस्कृति की चेतना भी है, इसमें हमारी लोकतांत्रिक और संसदीय परंपराओं के सम्मान का प्रण भी है।
राष्ट्रपति ने संसदीय और लोकतंत्र की महत्वपूर्णता पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा, “इसमें हमारी लोकतांत्रिक और संसदीय परंपराओं के सम्मान का प्रण भी है।” इससे हमे यह समझ आता है कि भारतीय संस्कृति और लोकतंत्र के मूल्यों को बनाए रखने का संकल्प बना हुआ है।
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संविधान के लागू होने के 75 वर्षों पर राष्ट्रपति ने विशेष रूप से ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने कहा, “यह हमारे संविधान के लागू होने कि 75वीं वर्षगांठ है ” इस संदर्भ में देश ने आजादी के 75 वर्ष के उत्सव, अमृत महोत्सव का आयोजन किया है और स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित की है। राष्ट्रपति ने विकास के क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों पर भी बात की। उन्होंने बताया कि दुनिया में गंभीर संकटों के बीच भारत सबसे तेजी से विकसित होती बड़ी अर्थव्यवस्था बना है जो विकास दर में लगातार 2 क्वार्टर में 7.5 फीसदी से ऊपर रही है। इससे साफ होता है कि भारत आर्थिक दृष्टि से भी मजबूती से प्रगति कर रहा है।
राष्ट्रपति ने युवा पीढ़ी के साहस और उत्साह की भी सराहना की। उन्होंने कहा, “75 साल बाद युवा पीढ़ी ने फिर स्वतंत्रता संग्राम के उस कालखंड को जिया। और अमृत महोत्सव के तहत, देशभर में लाखों गांवों की मिट्टी से लाए गए अमृत कलशों ने एक एक गाँव को नए उत्थान की ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। इसके साथ ही तीन करोड़ से ज्यादा लोगों ने पंच प्राण की शपथ ली है और 70 हजार से ज्यादा अमृत सरोवर बनाए गए हैं। यह सब दिखाता है कि देशवासियों में विकास के प्रति समर्पण है और वे अपने देश के साथ मिलकर आगे बढ़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
इस संबोधन से स्पष्ट होता है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के सामने भारत के प्रगति और विकास की दिशा में सरकार के कामकाज की सबसे चर्चित पहलुओं को साझा किया है। उनके वक्तव्य से स्पष्ट होता है कि देश एक नए युग की शुरुआत में है जिसमे सभी वर्गों को मिलकर समृद्धि की ऊंचाइयों को छूने का संकल्प लिया गया है।
By Neelam Singh.
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