मालदीव से सैनिकों की वापसी को लेकर भारत का बड़ा बयान…..
भारतीय सैनिकों की मालदीव से वापसी को लेकर दोनों पक्षों के बीच 2 फरवरी को एक उच्च स्तरीय बैठक हुई जिसमें यह किया गया है की इस संबंध में तीसरी बैठक इस महीने में ही की जानी है
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू अपने देश से भारतीय सैनिकों की वापसी पर अपने फैसले पर अड़े हुए हैं इसे लेकर दोनों देशों के बीच दो बार उच्च स्तर की वार्ता की जा चुकी है और आगे भी इस तरह की बैठकें होंगी। इसी बीच सैनिकों की वापसी को लेकर भारत द्वारा भी एक बड़ा बयान जारी किया गया है।
भारत द्वारा गुरुवार को कहा गया कि मालदीव से भारतीय सैनिकों की वापसी के बाद वहां के एविएशन प्लेटफॉर्म्स पर टेक्निकल एक्सपर्ट्स की नियुक्ति की जा सकती है । मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने भारत से आग्रह किया है कि भारत सरकार द्वीप देश में मौजूद अपने सैनिकों को 10 मई तक वापस बुला ले, जिसके बाद भारत अपने सैनिकों के बदले में वहां टेक्निकल एक्सपर्ट्स को नियुक्त करने जा रहा है। भारतीय सैनिकों की मालदीव से वापसी को लेकर दोनों पक्षों के बीच 2 फरवरी को एक उच्च स्तरीय बैठक हुई जिसमें यह किया गया है की इस संबंध में तीसरी बैठक इस महीने में ही की जानी है ।
मालदीव से भारतीय सैनिकों की वापसी के बाद, भारत का मालदीव के एविएशन प्लेटफॉर्म्स पर टेक्निकल एक्सपर्ट्स की नियुक्ति का निर्णय दोनों देशों के बीच सहमति का प्रतीक है, और साथ ही मालदीव के विकास के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है। भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इस मामले में बयान दिया, ” ‘हमें जो कहना था, वह हमने प्रेस रिलीज के माध्यम से बता दिया गया है, दोनों पक्षों के बीच दूसरी उच्च स्तरीय बैठक के बाद यह फैसला लिया गया है कि भारत अपने सैनिकों के बदले में मालदीव में टेक्निकल एक्सपर्ट्स को नियुक्त करेगा।
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इसके साथ ही, मालदीव के विदेश मंत्रालय ने भारत के साथ इस समझौते पर सहमति जताई है कि भारत 10 मार्च तक अपने सैनिकों को वापस बुला लेगा। इस समझौते के माध्यम से, भारत और मालदीव ने न केवल रक्षा संबंधों को मजबूत किया है, बल्कि मालदीव के विकास में भी अपना साथ दिया है। दोनों देशों के बीच सैनिकों की वापसी के बारे में समझौते का यह महत्वपूर्ण कदम भारत-मालदीव संबंधों को और भी मजबूत और गहरा बनाएगा।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के बयान में खास रूप से इस बात को ध्यान में रखा गया है कि भारत और मालदीव ने मालदीव के लोगों को मानवीय और आपात मेडिकल सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए भारतीय एविएशन प्लेटफॉर्म्स के निरंतर संचालन पर सहमति जताये। यह स्पष्ट करता है कि दोनों देशों के बीच समर्थन और सहयोग की भावना अभी भी मजबूत है। मालदीव के स्थानीय मीडिया की रिपोर्टों के अनुसार, राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने भारत सरकार से 15 मार्च से पहले द्वीप राष्ट्र से भारतीय सैनिकों को वापस बुलाने का आग्रह किया है। इस समय में, चीन समर्थक राष्ट्रपति मुइज्जू के चुनावी एजेंडा का एक मुख्य हिस्सा बना हुआ है।
मालदीव से भारतीय सैनिकों को वापस भेजना चीन समर्थक राष्ट्रपति मुइज्जू का प्रमुख चुनावी एजेंडा था, वह ‘इंडिया आउट’ के नारे पर सत्ता में आए और नवंबर में कार्यकाल संभालने के दूसरे दिन के साथ ही उन्होंने भारत से अपने सैनिकों को वापस बुलाने के लिए कहा था मालदीव में फिलहाल 77 भारतीय सैनिक तैनात हैं जो डोर्नियर 228 समुद्री गश्ती विमान और दो एचएएल ध्रुव हेलीकॉप्टरों द्वारा संचालित है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता से अंतरिम बजट 2024- 25 में मालदीव को आवंटित बजट पर भी सवाल किया गया था जिसमें उन्होंने बताया कि मालदीव के लिए 779 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जबकि पिछले अनुमान के मुताबिक मालदीव को 600 करोड़ रुपये आवंटित किए किये जाने थे।
इस समझौते के साथ, भारत और मालदीव के संबंधों में नई ऊर्जा और सहयोग का एक नया अध्याय खुल रहा है। यह साझेदारी न केवल सुरक्षा संबंधों को मजबूत करेगी, बल्कि दोनों देशों के विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान प्रदान करेगी। इस समझौते का समर्थन न केवल दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करेगा, बल्कि रीजनल स्टेबिलिटी और सुरक्षा में भी महत्वपूर्ण योगदान करेगा।
By Neelam Singh.
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