जयंत चौधरी (भारतीय राष्ट्रीय लोकदल) प्रमुख ने बीजेपी के साथ गठबंधन पर लगाई मुहर, कहा अब किस मुंह से इनकार करूं…
इस गठबंधन का ऐलान जल्दी ही हो सकता है, जिससे दोनों दलों को लोकसभा चुनाव में मजबूती मिल सके।
जयंत चौधरी, भारतीय राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) के प्रमुख, ने अपने दादा और पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न से सम्मानित होने पर खुशी जताई। सरकार के इस ऐलान ने उन्हें काफी ख़ुशी हुई, जिसे उन्होंने ‘देश के लिए बड़ा दिन’ बताते हुए स्वीकार किया। उन्होंने इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति के प्रति अपना आभार व्यक्त करते हुए कहा, कि उन्होंने देश की प्रगति और समृद्धि के लिए अदम्य प्रयास किए हैं।
चौधरी ने अपने संवेदनशील भावों को व्यक्त करते हुए कहा कि आज के दिन कमेरा वर्ग, किसान और मजदूरों का सम्मान किया जा रहा है। उन्होंने मोदी सरकार की सकारात्मक कदमों की सराहना की और उनके नेतृत्व में देश की नब्ज को समझा। इस मौक़े पर चौधरी ने अपने पिता को भी याद किया और कहा कि वह आज उनके साथ नहीं है जिसका उन्हें बहुत दुःख है , लेकिन उनके पिता का साथ हमेशा उनके साथ है।
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सूत्रों के मुताबिक, चौधरी की पार्टी आरएलडी अब बीजेपी (BJP) के साथ गठबंधन में शामिल होने जा रही है। इस गठबंधन का ऐलान जल्दी ही हो सकता है, जिससे दोनों दलों को लोकसभा चुनाव में मजबूती मिल सके। आरएलडी को बागपत और बिजनोर सीटें मिल सकती हैं, जिसके साथ उन्हें एक राज्यसभा सीट भी दी जा सकती है।
पश्चिमी यूपी के राजनीतिक मंच पर आरएलडी का प्रवेश नए राजनीतिक समीकरण को बदल सकता है। यहां लोकसभा की 27 सीटों पर चुनाव हैं, और पिछले चुनाव में बीजेपी ने इस क्षेत्र में मजबूत प्रदर्शन किया था। अब जयंत चौधरी के द्वारा आरएलडी की प्रवेश यात्रा में नई ऊर्जा और उम्मीदें जगी हैं, जो इस क्षेत्र में राजनीतिक गतिविधियों को गहराई से प्रभावित कर सकती हैं। पिछले चुनावों में आरएलडी को किसी भी सीट पर जीत का मौका नहीं मिला था, लेकिन उनका अब पश्चिमी यूपी में प्रवेश नयी राजनीतिक संभावनाओं को खोल सकता है। उनके साथ गठबंधन करके, बीजेपी ने अपनी पैरवी मजबूत की है और पश्चिमी यूपी में अपनी प्रतिष्ठा को बनाए रखने की कोशिश की है।
इस समय, विपक्षी दल भी चौधरी और आरएलडी को ‘इंडिया’ ब्लॉक का हिस्सा मान रहे हैं, और उनके साथ गठबंधन की संभावनाओं की उम्मीद रख रहे हैं। यह गठबंधन राजनीतिक दलों के बीच नई राजनीतिक गतिविधियों को जन्म दे सकता है और पश्चिमी यूपी के राजनीतिक संगठन में परिवर्तन ला सकता है। चौधरी के आने वाले कदम राजनीतिक दलों के लिए एक चुनौती और एक अवसर दोनों हो सकते हैं। इस समय का नजरिया और राजनीतिक रणनीति की दृष्टि से, पश्चिमी यूपी के चुनाव आधारित परिणामों में बदलाव के लिए उनकी अपनी योजनाओं को ध्यान में रखना अत्यंत महत्वपूर्ण होगा।
BY Neelam Singh.
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