बिहार की 6 सीटों के फेर में फंसा INDIA ब्लॉक की सीट का बंटवारा.
बिहार में लोकसभा चुनाव के आगे के चरण की तैयारियों की धूमधाम है। विपक्षी गठबंधन में सीटों का बंटवारा अभी भी जारी है और कई सीटों पर खींचतान हो रही है। पूर्णिया, सिवान, और अन्य कई स्थानों पर सीटों के लिए प्रतिस्पर्धा तेजी से बढ़ रही है।
बिहार में लोकसभा चुनाव के आगे के चरण की तैयारियां जोरो पर है। विपक्षी गठबंधन में सीटों का बंटवारा अभी भी जारी है और कई सीटों पर खींचतान हो रही है। पूर्णिया, सिवान, और अन्य कई स्थानों पर सीटों के लिए प्रतिस्पर्धा तेजी से बढ़ रही है। कांग्रेस-आरजेडी महागठबंधन के बीच भी कुछ सीटों पर टकराव है, कुछ सीटों पर जबकि लेफ्ट पार्टियां भी दावेदारी कर रही हैं।
बिहार में लोकसभा के 40 सीटों पर मतदान होगा, जिनमें से चार सीटों के लिए पहले चरण में मतदान होना है। इन सीटों के लिए 19 अप्रैल को मतदान होगा। नामांकन की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है, लेकिन सीटों का बंटवारा अभी भी नहीं हुआ है। महागठबंधन में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी), कांग्रेस, और लेफ्ट पार्टियां शामिल हैं। इस गठबंधन के बावजूद, कुछ सीटों पर खींचतान जारी है। ऐसे मामलों में औरंगाबाद, बेगूसराय, कटिहार, और सिवान शामिल हैं। आरजेडी ने औरंगाबाद सीट पर उम्मीदवार भी उतारा है, जिससे कांग्रेस नाराज है।
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बेगूसराय सीट पर भी कांग्रेस और आरजेडी के बीच मतभेद है, लेकिन जब लालू ने एकतरफा उम्मीदवार का ऐलान किया, तो भाकपा ने अवधेश राय को टिकट दिया। पूर्णिया सीट पर भी खींचतान जारी है, जहां कांग्रेस पप्पू यादव को उतारना चाहती है जबकि आरजेडी बीमा भारती को उम्मीदवार बनाना चाहती है। अन्य पार्टियों जैसे भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) भी कुछ सीटों पर दावेदारी कर रही हैं, जैसे कि बेगूसराय, जहानाबाद, मधुबनी, और बांका। सिवान सीट पर भी भाकपा के उम्मीदवारों का दावा है।
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इस तरह, बिहार में लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की दौड़ तेज हो रही है, और सीटों का बंटवारा भी अभी तक पूरा नहीं हुआ है। इस चुनाव में राजनीतिक गतिशीलता और समर्थन का पारंपरिक परिवारिक पेच भी महत्वपूर्ण रोल निभा रहे हैं। नतीजे के लिए सभी पार्टियों के लिए इस चुनाव का महत्व बहुत बड़ा है और जनता का निर्णय इसे और रोमांचक बना रहा है।