निर्विरोध जीत के बाद सूरत में बड़ा खेल, कांग्रेस उम्मीदवार रहे निलेश कुम्भानी होंगे BJP में शामिल!
सूरत लोकसभा सीट पर बीजेपी के उम्मीदवार मुकेश दलाल की निर्विरोध जीत ने राजनीतिक दलों के बीच उत्तेजना बढ़ा दी है। मुकेश दलाल की इस जीत से पहले उम्मीदवार निलेश कुम्भानी का नामांकन रद्द किया गया था।
सूरत लोकसभा सीट पर बीजेपी के उम्मीदवार मुकेश दलाल की निर्विरोध जीत ने राजनीतिक दलों के बीच उत्तेजना बढ़ा दी है। मुकेश दलाल की इस जीत से पहले उम्मीदवार निलेश कुम्भानी का नामांकन रद्द किया गया था। इसमें उनके प्रस्तावकों के हस्ताक्षरों में गड़बड़ी बताई गई थी।
कांग्रेस ने चुनाव आयोग के प्रति विरोध प्रकट किया है, जिसमें उन्होंने बीजेपी के साथ मिलीभगत का आरोप लगाया। कांग्रेस ने मांग की है कि सूरत लोकसभा सीट पर नए सिरे से चुनाव हों, ताकि निष्पक्षता बनी रहे। इस बीच, कांग्रेस कार्यकर्ताओं और निलेश कुम्भानी के खिलाफ जारी हुई बयानों ने राजनीतिक दलों के बीच तनाव को बढ़ा दिया है। कांग्रेस के कुछ कार्यकर्ता निलेश को जनता का गद्दार और लोकशाही का हत्यारा बता रहे हैं।
इस मामले में बीजेपी और कांग्रेस के बीच की जंग तेजी से बढ़ती जा रही है। बीजेपी ने इस मामले में किसी भी प्रकार की गलती का अस्वीकार किया है और उन्होंने अपनी जीत को पार्टी की ताकत का प्रतीक बताया है। गुजरात की 26 लोकसभा सीटों में मतदान तीसरे चरण में होना है। इसका मतलब है कि सूरत सीट पर जीत प्राप्त करने वाले उम्मीदवार को चुनावी मैदान में मजबूती मिलेगी।
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सूरत लोकसभा सीट पर चुनाव की दिनांक 7 मई है। इसे पहले 19 अप्रैल को नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख थी, जिसमें सूरत सीट पर बीजेपी के उम्मीदवार मुकेश दलाल ने अपना पर्चा भर दिया था। इस चुनाव में सूरत लोकसभा सीट पर बीजेपी, कांग्रेस, बसपा, सरदार वल्लभभाई पटेल पार्टी, ग्लोबल रिपब्लिकन पार्टी और लोग पार्टी जैसे अन्य दलों के उम्मीदवार प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। इससे पहले, सूरत लोकसभा सीट ने 1989 से बीजेपी का कब्जा बना हुआ है। इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने यहां से 5 बार सांसद का कार्य निभाया था।